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Wheat Rate: देश में गिरने वाले है गेहूं के रेट, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बड़ा ब्यान

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THE CHOPAL :  भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी भी रहेगा क्योंकि भारत को अपने घरेलू बाजार के लिए इस खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ महंगाई पर नियंत्रण भी रखना है. उन्होंने यह कहा कि गेहूं की खरीद शुरू हो गई है और खरीद के पहले हफ्ते के आंकड़े 'बेहद' संतोषजनक भी  हैं.

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फसल -

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने यहां संवाददाताओं से यह कहा है कि मुझे भरोसा है कि बेमौसम बरसात के बावजूद फसल अच्छी होगी. हमें भारतीय बाजार के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी और एक बार खरीद की अवधि समाप्त हो जाने के बाद, यह महत्वपूर्ण होगा कि देश में मुद्रास्फीति को कम किया जाए और इसलिए यह जरूरी है कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रहे. 

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प्रतिबंध -

आपको बता दें भारत और इटली के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए नेताओं और औद्योगिक घरानों से मिलने के लिए 2 दिवसीय दौरे पर यहां भी हैं. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश, भारत ने बढ़ती घरेलू मूल्यों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. 

84 लाख टन गेहूं का होगा स्टॉक -

कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है. एक अप्रैल को एफसीआई के गोदामों में 84 लाख टन गेहूं का स्टॉक होगा. 

FCI है सरकार की एजेंसी -

एफसीआई सरकार की वह मुख्य एजेंसी है जो पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) और कल्याणकारी योजनाओं के लिए खाद्यान्न की खरीद और वितरण करती है. इसके अलावा केंद्र ने किसानों द्वारा गेहूं की संकटग्रस्त बिक्री को रोकने के साथ-साथ उनके हितों की रक्षा के लिए पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है. 

मौसम का दिखा असर -

इन राज्यों के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है, जो कटाई के लिए तैयार थी. इन राज्यों की सरकारों ने खरीद नियमों में ढील देने की मांग की थी.