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किसान के बेटे की तनख्वाह 109 करोड़, खेतो से ऐसे तय किया टाटा ग्रुप का सफर, पढ़ें पूरी कहानी

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किसान के बेटे की तनख्वाह 109 करोड़, खेतो से ऐसे तय किया टाटा ग्रुप का सफर

THE CHOPAL - टाटा ग्रुप की पहचान भारत के सबसे प्रतिष्ठित ब्रांड में होती है. हम आपको टाटा ग्रुप के एक ऐसे अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक गरीब परिवार से आते थे लेकिन अपने टैलेंट के दम पर ना सिर्फ उन्होंने नाम कमाया बल्कि टाटा ग्रुप को भी ऊंचे मुकाम पर लेकर गए. टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रेशेखरन की, जिन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत कंपनी में इंटर्नशिप के साथ की थी और आज वे टाटा समूह की कमान संभाले हुए हैं. टाटा-साइरस मिस्त्री विवाद के बाद 2017 में उन्हें टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया.

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सैलरी

2019 में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की सालाना सैलरी 65 करोड़ रुपये थी. 2021-2022 में उन्हें 109 करोड़ रुपये का पैकेज मिला. 2020 में एन चंद्रशेखरन ने मुंबई में एक डुप्लेक्स फ्लैट खरीदा, जिसकी कीमत 98 करोड़ रुपये है. 

खेती के साथ-साथ की पढ़ाई

स्टडी के दौरान उनका झुकाव कंप्यूटर साइंस की ओर बढ़ा. शुरुआती शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया. एप्लाइड साइंसेज में स्नातक की डिग्री पाने के बाद एन चंद्रशेखरन ने तिरुचिरापल्ली के क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज से मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) किया. 

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1987 में टीसीएस के साथ इंटर्न के तौर पर जुड़े

नटराजन चंद्रशेखरन ने 1987 में एक इंटर्न के तौर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ज्वाइन की. उस समय उन्हें शायद इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक इंटर्न से कर्मचारी और फिर वे कंपनी में बड़े अधिकारी बन भी जाएंगे. लगभग 20 वर्ष तक कार्य करने के बाद सितंबर 2007 में उन्हें टीसीएस का मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) नामित किया गया. वहीं, 2 साल अक्टूबर 2009 में एन चंद्रशेखरन महज 46 साल की उम्र में टीसीएस के सीईओ बने.

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