MP में सामूहिक विवाह से पहले दुल्हनों के प्रेग्नेंसी टेस्ट पर विवाद, जांच के दौरान 4 दुल्हन मिलीं प्रेग्नेंट

Thechopal, Bhopal: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों के लिए सामूहिक विवाह योजना कुछ दुल्हनों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के बाद विवादों में आ गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक, 219 लड़कियों में से 4 का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद शनिवार को उनकी शादी नहीं हुई. इस मामले ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया है. कांग्रेस ने सवाल किया है कि टेस्ट का आदेश किसने दिया. मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत सामूहिक विवाह डिंडोरी के गडसराय क्षेत्र में संपन्न हुआ. जिन महिलाओं का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया था.
उनमें से एक ने कहा कि वह शादी से पहले अपने मंगेतर के साथ रहने लगी थी. उसने कहा, "मेरा प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया है. संभवत: इसी वजह से मेरा नाम शादी की अंतिम सूची से हटा दिया गया, हालांकि, अधिकारियों ने मुझे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है."
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, "मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह खबर सच है? अगर यह खबर सच है तो किसके आदेश पर मध्य प्रदेश की बेटियों का यह घोर अपमान किया गया शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें। यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है।?"
इसके अलावा डिंडोरी के जिला अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि गाडासरई में शनिवार को होने वाले सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले 219 जोड़ों के लिए मेडिकल परीक्षण के द्वारा अनुवांशिक बीमारी सिकलसेल की जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए थे.
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