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Monsoon: देश में जमकर बरसेगी ठंडी फुहारें, मानसून को लेकर IMD ने दी बड़ी ख़ुशखबरी

Monsoon 2025: भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार इस साल मानसून सीजन के दौरान औसत से 105% बारिश की संभावना का मतलब है कि पूरे देश में सामान्य बारिश की तुलना में थोड़ी अधिक बारिश हो सकती है। यह किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक अच्छा संकेत है, क्योंकि इस अतिरिक्त बारिश से फसल उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है।

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Monsoon: देश में जमकर बरसेगी ठंडी फुहारें, मानसून को लेकर IMD ने दी बड़ी ख़ुशखबरी

Monsoon Update : मौसम विभाग ने इस वर्ष मानसून सीजन में औसत से 105 प्रतिशत अधिक बारिश की अनुमान लगाया है। लद्दाख, पूर्वोत्तर और तमिलनाडु में बहुत कम बारिश होगी। भारतीय ओशियन डाइपोल और एल-नीनो स्थितियां सामान्य रहने की उम्मीद है, जिससे अच्छी बारिश होगी। किसानों के लिए राहत की खबर है! मानसून की अच्छी बारिश कृषि उत्पादन को बढ़ावा देती है और इससे कृषि क्षेत्र की स्थिति में सुधार हो सकता है।

इस साल लोगों को मानसून की अच्छी खबर मिली है। क्योंकि बारिश होने वाली है। हमारे देश में 2025 तक औसत से 105 प्रतिशत अधिक बारिश होगी, मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है। कृषि और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए यह खबर अच्छी है। सिर्फ तमिलनाडु, पूर्वोत्तर और लद्दाख में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। 

जलवायु परिस्थितियां

भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि इस साल एल-नीनो और इंडियन ओसियन डाइपोल सामान्य रहेंगे, जो अच्छे मानसून का संकेत है। इन दोनों की सुविधाओं से देश भर में सामान्य से अधिक बारिश होती है। खासकर, यूरेशिया और हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ कम होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में औसत से अधिक बारिश होती है जब हिमालय और उसके आसपास के क्षेत्रों में बर्फ कम होती है। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौसम विभाग के प्रमुख ने क्या कहा?

मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौसम विभाग (IMD) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि साल 2025 में मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। मानसून में औसत बारिश 87 सेंटीमीटर के दीर्घकालिक औसत का 105 प्रतिशत होगी। अच्छी बारिश से किसानों और जल संकट से पीड़ित क्षेत्रों को बहुत राहत मिलेगी। 

गर्मी के बारे में क्या कहा?

मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अप्रैल से जून तक लू का कहर जारी रहेगा. ज्यादा गर्मी की वजह से पावर ग्रिड पर अधिक लोड पड़ेगा, जिससे जल संकट उत्पन्न हो सकता है. 

भारत में मानसून का महत्व क्यों है?

भारत कृषि पर निर्भर है। यहां कृषि देश के जीडीपी का 18.2% का योगदान करती है और 42.3% आबादी की आजीविका पर निर्भर है। खेती का 52% सीधे बारिश पर निर्भर है। जलाशयों का पुनर्भरण अच्छे मानसून से होता है। जलवायु वैज्ञानिकों ने कहा कि पूरे देश में बारिश का समान वितरण नहीं होगा। ऐसा जलवायु परिवर्तन से हो रहा है। 

भारत में मानसून की शुरुआत कब होती है?

1 जुलाई को, मानसून आमतौर पर भारत में केरल से आता है और फिर धीरे-धीरे उत्तर, ईस्ट और पश्चिम की ओर बढ़ता है। जुलाई के मध्य तक मानसून पूरे देश में फैल जाएगा। मानसून सितंबर के अंत से अक्टूबर के मध्य तक मानसून वापस लौट जाता है।

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