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बिहार में 5 एकड़ जमीन बनेगा ड्राई डाक, पुलों के प्रबंधन और नियमित रखरखाव के लिए बनी मेंटेनेंस नीति

Patna News: बिहार में सरकार की तरफ से लोगों की आवागमन कनेक्टिविटी खास ध्यान दिया जा रहा है. बिहार सरकार की तरफ से फूलों के प्रबंधन और उनके नियमित रखरखाव के लिए एक नीति तैयार कर ली है. इसके अलावा पानी की जहाज की मरम्मत के लिए ड्राई डाक बनाया जाएगा इसके लिए जमीन 5 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी.

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बिहार में 5 एकड़ जमीन बनेगा ड्राई डाक, पुलों के प्रबंधन और नियमित रखरखाव के लिए बनी मेंटेनेंस नीति

Bihar News : बिहार सरकार सड़क, पुल, फ्लाईओवर, और जलमार्ग के माध्यम से आम लोगों की आवागमन व्यवस्था को लगातार सुधार रही है। बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं मेंटेनेंस नीति 2025 को पुलों का प्रबंधन और नियमित रखरखाव करने के लिए सरकार ने बनाया है। सरकार ने पुल संख्या को देखते हुए नई पुल प्रबंधन व रखरखाव नीति बनाई है, कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया। नीतीश सरकार के दौरान राज्य में 3968 बड़े और छोटे पुलों का निर्माण किया गया है। इनमें फ्लाईओवर, मेगा ब्रिज और मेजर ब्रिज की संख्या 532 है। सरकार ने बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं रखरखाव नीति 2025 बनाई है जो इन पुलों का प्रबंधन और नियमित रखरखाव करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। आज की बैठक में कुल 47 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

मरम्मत और रखरखाव का पूरा ढांचा बनाया जाएगा 

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया कि सरकार ने पुल प्रबंधन और रखरखाव की नई नीति बनाई है, जो पुलों की संख्या के अनुरूप है। राज्य के 3968 पुलों और 532 मेगा ब्रिजों की देखभाल, मरम्मत और रखरखाव के लिए एक संपूर्ण प्रणाली नीति के तहत बनाई जाएगी।

ब्रिज हेल्थ इंडेक्स बनाया जाएगा

नई व्यवस्था प्रत्येक पुल की स्वास्थ्य स्थिति को मापने के लिए ब्रिज हेल्थ इंडेक्स (बीएचआइ) बनाया जाएगा। पुल की वास्तविक भौतिक स्थिति शून्य से 100 तक मापी जाएगी, इस इंडेक्स को आधार बनाकर। यदि पुलों का ब्रिज हेल्थ इंडेक्स कम होगा, तो वे क्रिटिकल श्रेणी में रखे जाएंगे। साथ ही, जब आवश्यक हो, उनकी मरम्मत की जाएगी। साथ ही, मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स (एमपीआइ) से बीएचआइ मानकों पर चयनित क्रिटिकल पुलों की मरम्मत की प्राथमिकता निर्धारित की जाएगी।

पुलों का रखरखाव दो चरणों में होगा। 

पुलों का रखरखाव दो चरणों में होगा। पहले चरण में पुलों को मेगा (1000 मीटर से अधिक), मेजर (60 मीटर से अधिक) और माइनर (60 मीटर से कम) में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद हर पुल का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। यही नहीं, दूसरे चरण में ब्रिज हेल्थ इंडेक्स और मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स के अनुसार उनकी मरम्मत होगी। प्रारंभिक मरम्मत से लेकर विशेष और अप्रत्याशित मरम्मत शामिल होगी।

आधुनिक तकनीक की निगरानी होगी 

मेगा पुलों और पुलों की देखभाल में नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा। पुल के नए ढांचे में डाटा सेंसर आधारित तकनीक, नान डिस्टे्रक्टिव टेस्टिंग और ड्रोन कैमरा से संग्रहित किया जाएगा। विश्लेषण में AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) और मशीन लर्निंग का उपयोग करके प्रत्येक पुल की असली स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा।

पुल निर्माण निगम को नीति की लागू करने का जिम्मा 

सिद्धार्थ ने कहा कि राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड को नीति लागू करनी है। इसके लिए राज्य पुल निर्माण निगम के इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। निगम भी पुल प्रबंधन प्रणाली बनाएगा। सरकार ने भी अधीक्षण अभियंता, महाप्रबंधक, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, प्रबंधक, परियोजना अभियंता और कनीय अभियंता को काम करने के लिए जिम्मेदारी दी है। प्रत्येक अभियंता को उनकी पदों के अनुसार नियमित, गंभीर और महत्वपूर्ण कार्यों में भाग लेना अनिवार्य है।

पटना में पानी के जहाज की मरम्मत को ड्राई डाक बनाया जाएगा

मंत्रिमंडल ने पटना में गंगा नदी के दक्षिण में दुजरा दियारा क्षेत्र में ड्राई डाक और पानी वाले जहाज की मरम्मत का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। ड्राई डाक बनाने के लिए दुजरा में असर्वेक्षित पांच एकड़ जमीन लीज पर दी जाएगी। जमीन ड्राई डाक बनाने की जिम्मेदारी जलमार्ग प्राधिकरण पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय को दी जाएगी।