Chhattisgarh में बिछेगी 5 नई रेल लाइनें, 1100 किलोमीटर बढ़ेगा नेटवर्क, 32 स्टेशन होंगे विकसित
Chhattisgarh Rail Network : छत्तीसगढ़ में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से हो रहा विकास आम जनता के लिए एक बड़ी सौगात है। राज्य में 2030 तक रेल नेटवर्क को 2200 किलोमीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास आम जनता को एक बहुत बड़ी सौगात है. प्रदेश में रेल नेटवर्क को 22 किलोमीटर बढ़ाने का लक्ष्य है 2030 तक किया जाएगा. रेलवे छत्तीसगढ़ में तेजी से विकसित हो रहा है। 2030 तक प्रदेश का रेल नेटवर्क 2200 किमी बढ़ने का लक्ष्य है। इसके लिए बहुत सी नई परियोजनाएं जल्द ही पूरी होंगी। साथ ही, बहुत सी नई रेल लाइनों का सर्वे भी तेजी से चल रहा है।
छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक ऐतिहासिक बदलाव हो रहा है। 2030 तक, राज्य का रेल नेटवर्क 1100 किमी से 2,200 किमी तक बढ़ जाएगा। बता दें कि राज्य को 2025–26 के बजट में केंद्र सरकार ने 6925 करोड़ रुपये दे दिए हैं। इस दिशा में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं तेजी से पूरी की जा रही हैं, जबकि कई नई रेल लाइनों का सर्वेक्षण भी प्रगति पर है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी और भी सशक्त होगी, जिससे यात्री सुविधाएं और माल परिवहन दोनों में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
कई रेल परियोजनाएं पूरी
फिलहाल, 47,000 करोड़ रुपये की लागत से कई रेल परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। राज्य को रायपुर-विशाखापट्टनम और रायपुर-नागपुर वंदे भारत ट्रेनों की सुविधा मिली है। मेट्रो ट्रेन का सर्वे भी शुरू हो गया है। इन योजनाओं से व्यापक रूप से पर्यटन, व्यापार, उद्योग और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
बस्तर में रेलवे का नया युग
रावघाट-जगदलपुर (140 किमी) रेलवे लाइन को बस्तर क्षेत्र में 3513 करोड़ रुपये में मंजूरी दी गई है।
कोत्तवलसा-किंरदुल के 170 किमी भाग में से 148 किमी का दोहरीकरण कार्य पूरा हो गया है।
अंतिम चरण में तेलंगाना के कोठागुडेम से किरंदुल तक प्रस्तावित 138.51 किमी रेलवे लाइन का सर्वे चल रहा है।
नवीनतम रेल परियोजनाओं के अंतिम चरण में सर्वेक्षण
राज्य के अंबिकापुर-बरवाडीह 200 किलोमीटर मार्ग पर 9718 करोड़ रुपये खर्च होते हैं
परमलकसा-खरसिया-नया रायपुर रेलवे लाइन, 278 किलोमीटर, 7854 करोड़ रुपये का खर्च
रावघाट-जगदलपुर की 140 किलोमीटर नई रेल लाइन की लागत 3513 करोड़ रुपये है।
1282 करोड़ रुपये की लागत से सरदेगा-भालूमाड़ा नई रेल लाइन बनाई गई, जो 37.24 किलोमीटर की है।
धरमजयगढ़ से पत्थलगांव तक 301 किलोमीटर की दूरी पर 16,834 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रेलवे कॉर्पोरेशन की कोशिशें
कटघोरा-डोंगरगढ़ रेलमार्ग के लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इससे नागपुर-झारसुगुड़ा मालमार्ग पर दबाव कम होगा। यह मुंगेली और कबीरधाम को भी रेल नेटवर्क से जोड़ेगा। इन परियोजनाओं के पूरा होने से छत्तीसगढ़ का आर्थिक विकास तेज होगा और राज्य एक मजबूत रेल राज्य बन जाएगा। यह बताया जाना चाहिए कि इनके अलावा अन्य रेल परियोजनाओं का डीपीआर बनाया जा रहा है। धरमजयगढ़-लोहरदगा और अंबिकापुर-बरवाडीह रेल परियोजनाओं का सर्वेक्षण पूरा हो गया है। राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन, बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, खरसिया-धरमजयगढ़ नई लाइन और गौरेला-पेंड्रा रोड-गेवरा रोड परियोजना सबसे बड़ी योजनाओं में से हैं।
32 स्टेशनों की मरम्मत
अमृत भारत योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। इनमें सबसे महंगे हैं रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग, जिन पर 463, 435 और 456 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अंबिकापुर, उरकुरा, भिलाई, भानुप्रतापपुर और डोंगरगढ़ स्टेशनों का लोकार्पण हो चुका है।