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बिहार में 13 गांवों की जमीन अधिग्रहण कर बिछेगी 69.9 किलोमीटर की नई रेल लाइन

Bihar News : बिहार में इस नई रेल लाइन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। तेजी से भूमि अधिग्रहण का कार्य किया जा रहा है इसके साथ ही मुआवजा भी बांटा रहा है। इस नई रेल लाइन के लिए 13 ग्रामों में 209 एकड़ भूमि अर्जित की जा रही है। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का मुआवजा भी वितरित किया जा चुका है।

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बिहार में 13 गांवों की जमीन अधिग्रहण कर बिछेगी 69.9 किलोमीटर की नई रेल लाइन

Sitamarhi-Motihari New Railway Line : बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर है। इन जिलों में अब रेल कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है। इसको लेकर रेलवे ने काम भी शुरू कर दिया है। बता दें कि रेलवे ने सीतामढ़ी-मोतिहारी वाया शिवहर नई रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की दिशा में कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। यह कार्य तेज गति से भी आगे बढ़ रही है। सीतामढ़ी-मोतिहारी वाया शिवहर न्यू रेलखंड को रेलवे द्वारा 69.9 किलोमीटर में तैयार करना है। फिलहाल, सीतामढ़ी से शिवहर के बीच कुल 28 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के भूमि सर्वे और अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है।

13 पुल और 62 पुलिया का होगा निर्माण

इस 28 किलोमीटर में सीतामढ़ी जिला के कुल 17.5 किलोमीटर क्षेत्र है। वहीं बांकी बचे 10.5 किलो मीटर का क्षेत्र शिवहर जिले में आता है। इस रेलखंड पर 13 पुल और 62 पुलिया तैयार किए जाएंगे। वहीं, कुल 30 रेलवे समपार फाटक भी बनाए जाएंगे। बताया गया है कि सीतामढ़ी के रेवासी और शिवहर के धनकौल व शिवहर में रेलवे स्टेशन होगा। रेलवे के कार्य में गति लाने के लिए जिला पदाधिकारी रिची पांडेय ने बीते दिनों रीगा प्रखंड के रेवासी में सीतामढ़ी-शिवहर नई रेल लाइन के पथ रेखांकन का निरीक्षण किया था।

50 करोड़ रूपये बांटे गए

डीएम रिची पांडेय ने बीते दिनों रीगा प्रखंड के रेवासी में सीतामढ़ी शिवहर नई रेल लाइन के पथ रेखांकन पर चल रहे कामों का जाएजा लिया था। इस दौरना जिला भू अर्जन पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया गया कि सीतामढ़ी-शिवहर नई रेल लाइन कुल 13 गांवों में 209 एकड़ जमीन अर्जित की जा रही है और अब तक 50 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरण कर दिया गया है।

विकास में योगदान

रेल परियोजना के पूरा होने से बिहार में रोजगार के नए अवसर बनेंगे। छोटे और मध्यम व्यापारियों को अपने सामान को दूसरे जगह ले जानें में आसानी होगी। इस कदम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और बिहार में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस रूट पर रेल चलने से यातायात की व्यवस्था बेहतर होगी और राज्य के नागरिकों की जीवनशैली में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।