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UP के इस जिले में बनेगा बड़ा रेलवे स्टेशन, डेली चलेगी 100 ट्रेन, 12 प्लेटफार्म होंगे

West UP's Biggest Railway Station :उत्तर प्रदेश में यह टर्मिनल न केवल वेस्ट यूपी के लिए एक आधुनिक ट्रांसपोर्ट हब बनेगा, बल्कि यह दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन और ISBT जैसे भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर से प्रेशर कम करेगा। 

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UP के इस जिले में बनेगा बड़ा रेलवे स्टेशन, डेली चलेगी 100 ट्रेन, 12 प्लेटफार्म होंगे

Greater Noida Railway Station : वेस्ट यूपी के विकास की रफ्तार अब और तेज होने वाली है। गौतमबुद्ध नगर में एक भव्य और अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन ग्रेटर नोएडा टर्मिनल बनने जा रहा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा रेलवे टर्मिनल होगा। यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं बल्कि एक ऐसा मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) होगा जो ग्रेटर नोएडा को भारत के सबसे स्मार्ट रेलवे कनेक्शन हब में बदल देगा।

ग्रेटर नोएडा में आधुनिकता का संगम

बोडाकी के पास 176 हेक्टेयर भूमि में बनने वाला यह स्टेशन MMTH परियोजना का अभिन्न हिस्सा होगा जिसमें रेलवे टर्मिनल के लिए अकेले 46 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल होगा। इस स्टेशन को विशेष रूप से मेगा टर्मिनल के तौर पर नामित किया गया है। यहाँ 12 बड़े प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे जिनसे प्रत्येक दिन लगभग 100 ट्रेनें चलाई जाएंगी जिनमें वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी हाई-स्पीड ट्रेनें भी शामिल होंगी।

स्टेशन नहीं एक संपूर्ण यात्री अनुभव

इस टर्मिनल को महज ट्रेन पकड़ने की जगह नहीं बल्कि एक पूर्ण ट्रांजिट अनुभव के रूप में डिजाइन किया गया है। इसका निर्माण मल्टी-लेवल स्ट्रक्चर में होगा जिसमें नीचे ट्रेन की आवाजाही होगी और ऊपर रिटेल स्टोर ऑफिस स्पेस और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं होंगी। यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी फीलिंग देने के लिए अत्याधुनिक टॉयलेट्स फूड कोर्ट वेटिंग लॉउंज और डिजिटलीकृत सूचना प्रणाली जैसे हाईटेक फीचर्स भी होंगे।

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं

इस मेगा प्रोजेक्ट की शुरुआती अनुमानित लागत करीब 1,850 करोड़ रुपये थी लेकिन बढ़ती निर्माण लागत और सुविधाओं के विस्तार को देखते हुए अब इसकी कीमत लगभग दोगुनी हो गई है। स्टेशन का बिल्ट-अप एरिया 70,000 वर्ग मीटर होगा। यहां 63 यार्ड लाइनें भी होंगी जहां पर ट्रेनों की मेंटेनेंस और पार्किंग की जाएगी।

NCR के लिए वरदान

यह मेगा टर्मिनल दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। टर्मिनल से नोएडा ग्रेटर नोएडा दिल्ली और एनसीआर के अन्य क्षेत्रों से सीधा मेट्रो और बस कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जाएगी। इसमें ISBT लोकल बस टर्मिनल और एक मेट्रो स्टेशन शामिल होगा जो पूरे क्षेत्र को एक मजबूत और एकीकृत ट्रांजिट सिस्टम से जोड़ देगा।

दो महीने में काम शुरू होने की उम्मीद

दिसंबर 2024 में इस परियोजना को विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया था जिससे इसके लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी आई है। अधिकारियों के अनुसार अब केवल रेलवे से संबंधित कुछ ज़मीन का ही अधिग्रहण बाकी है जिसे रेलवे अधिनियम के तहत दो महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। अन्य ज़मीनों का अधिग्रहण पहले ही पूरा हो चुका है।

इस टर्मिनल के मास्टर प्लान को DMIC और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया है। भारतीय रेलवे इस प्रोजेक्ट की पूरी निगरानी करेगा जबकि एक विशेष प्रयोजन वाहन इसके वित्तीय खर्च को वहन करेगा। स्टेशन के साथ-साथ कोच मेंटेनेंस यार्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचे भी विकसित किए जाएंगे।

दिल्ली के आनंद विहार और ISBT का भार होगा हल्का

इसे टर्मिनल को दो ज़ोन में बांटा गया है पहला ज़ोन 130 हेक्टेयर में फैला होगा जिसमें ISBT मेट्रो स्टेशन लोकल बस टर्मिनल और कमर्शियल गतिविधियां होंगी। दूसरा ज़ोन 46 हेक्टेयर में फैला होगा जिसमें पूरा रेलवे टर्मिनल और उससे संबंधित व्यावसायिक गतिविधियां होंगी। इससे दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन और ISBT पर भीड़भाड़ में उल्लेखनीय कमी आएगी और यात्रियों को NCR के भीतर एक नया बेहतर और सुगम विकल्प मिलेगा।

ग्रेटर नोएडा को मिलेगा विकास का नया इंजन

यह टर्मिनल ना केवल एक नया स्टेशन होगा बल्कि ग्रेटर नोएडा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास का नया इंजन साबित होगा। इससे रोज़गार व्यवसाय और निवेश के नए अवसर खुलेंगे। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी।

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