UP के इस जिले में बनेगा बाईपास, रिंग रोड और विभिन्न सड़कें, बढ़ेगी चमक-धमक
UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में जाम की समस्या के समाधान के लिए विकास प्राधिकरण ने 300 करोड़ रुपये की लागत से कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की घोषणा की है। इनमें से कुछ कार्य शुरू भी हो गए हैं। अब प्रथम चरण में रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास को भी शामिल किया गया है। इस योजना के तहत कई नई सड़कों का निर्माण और मौजूदा सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के मेरठ में जाम के समाधान के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की ओर से 300 करोड़ रुपये खर्च करने की जो घोषणा की गई थी उसमें से कुछ कार्य शुरू भी हो गए हैं। अब उसी के अंतर्गत प्रथम चरण में रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास को भी शामिल कर लिया गया है। मेडा ने प्रथम चरण के लिए 12 कार्यों को चिह्नित करते हुए डीपीआर बनवाई है। हालांकि अब जब रिंग रोड निर्माण और बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण को शामिल कर लिया गया है तो इस योजना में बदलाव हो सकता है। मेडा ने रिंग रोड के लिए 100 करोड़ रुपये आरक्षित कर लिए हैं। वहीं बिजली बंबा बाईपास के लिए राइट्स से डीपीआर बनवाई जा रही है।
मेडा ने यातायात प्रबंधन के लिए आठ अक्टूबर को हैकेथान का आयोजन किया था। सभी कार्यों को दो चरणों में बांटा गया है। प्रथम चरण में लिए गए 12 कार्यों की जो डीपीआर बनाई गई उस पर ही 338 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जबकि इसमें रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास शामिल ही नहीं था। जाम के समाधान के लिए इन दोनों का निर्माण आवश्यक है इसलिए मेडा ने अब इन दोनों को भी पहले ही चरण में शामिल कर लिया है।
जाम का समाधान
- 100 करोड़ रुपये मेडा ने रिंग रोड के लिए आरक्षित किए
- 12 कार्य प्रथम चरण में शामिल किए गए
- 338 करोड़ रुपये का राइट्स लिमिटेड ने बनाया एस्टीमेट
- 8 अक्टूबर को मेडा ने किया था जाम के समाधान पर हैकेथान
- बहता रहेगा बिजली बंबा, कलवर्ट बनाकर होगा चौड़ीकरण
बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा करने के लिए टीडीआर (जमीन देने के बदले में कहीं भी अतिरिक्त निर्माण की छूट का नियम) पर सहमति न बनने से मेडा ने अब दूसरा विकल्प तलाशा है। विकल्प यह है कि शाप्रिक्स माल से लेकर जुर्रानपुर फाटक तक रजवाहे को कलवर्ट में परिवर्तित कर दिया जाए। इससे कलवर्ट के अंदर पानी बहता रहेगा और ऊपर सड़क बना दी जाएगी।
कलवर्ट में निश्चित दूरी पर होल रखे जाएंगे जिससे सफाई भी होती रहे। राइट्स लिमिटेड इसके लिए एस्टीमेट बना रहा है। आकलन के बाद सिंचाई विभाग के पास अनुमति के लिए भेजा जाएगा। यदि एनओसी मिल जाएगी तो मेडा इस विकल्प पर कार्य शुरू कराएगा।
तीन पुलिया का हो चुका है टेंडर
यातायात प्रबंधन के अंतर्गत मवाना रोड पर आबूनाले की पुलिया, लोकप्रिय अस्पताल के पास की पुलिया और मेघदूत चौराहे के पास की पुलिया का निर्माण करने के लिए टेंडर किया जा चुका है।
इन सड़कों का होना है चौड़ीकरण
- हापुड़ अड्डा चौराहे से गांधी आश्रम और तेजगढ़ी से मुरलीपुर गांव तक सड़क का चौड़ीकरण।
- किला रोड पर जेलचुंगी से भावनपुर तक चौड़ीकरण।
- कंकरखेड़ा बाईपास से कैलाशी अस्पताल तक चौड़ीकरण।
- मंगल पांडे नगर नाला पटरी का विक्टोरिया पार्क तक चौड़ीकरण।
- गढ़ रोड से राजराजेश्वरी मंडप तक चौड़ीकरण।
- ये बनेंगी नई सड़कें व एलिविटेड रोड
- चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय व जेल के पीछे से किला रोड को जोड़ने के लिए नई सड़क।
- बच्चा पार्क से तहसील तक एलिवेटेड रोड।
- हटेगी बुढ़ाना गेट की पुलिस चौकी
इन चौराहों की सुधारी जाएगी स्थिति
- लालकुर्ती चौराहे से अतिक्रमण हटाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।
- बच्चा पार्क
- कमिश्नर आवास चौराहा
- हापुड़ अड्डा
- बागपत को जाने वाली रोड के अंडरपास की स्थिति।
- फुटबाल चौक
- मेट्रो प्लाजा
- जेल चुंगी
योजनाएं बदलती रहीं, धरातल पर कुछ नहीं
शहर का जाम कम करने के लिए अगर किसी प्रस्तावों में बार-बार बदलाव हुआ है तो वह है रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास। हालांकि इन दोनों पर कार्य कभी शुरू नहीं हो पाया। हापुड़ रोड से जुर्रानपुर, दिल्ली रोड होते हुए रिंग रोड को बनाने के लिए 2012 में रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज तो बन गया लेकिन बाद में मेरठ विकास प्राधिकरण ने जमीन नहीं खरीदी। जमीन न होने से सड़क नहीं बन सकी। जमीन खरीदने के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये चाहिए उसके लिए कभी पीडब्ल्यूडी को सामने लाया गया तो कभी एनएचएआइ को।
किसी से काम नहीं बना तो अब मेरठ विकास प्राधिकरण ने फिर से दम दिखाया है।
इसी तरह से बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण के लिए भी खूब योजनाएं बनीं। कभी रजवाहे का अस्तित्व समाप्त करके उसे पाटने की बातें हुईं तो कभी जमीन खरीदकर चौड़ाई बढ़ाने की। कभी दूसरी पटरी को खाली कराकर उस पर सड़क बनाने की। कई साल पहले एक योजना बनी थी कि कलवर्ट बनाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ा दी जाए अब उसी योजना पर फिर से माथापच्ची शुरू हुई है।