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गेहूं के भाव में आई गिरावट, FCI द्वारा खुले बाजार में बेचेगी सरकार

खाद्य मंत्रालय के मुताबिक ई-नीलामी से पहले ही पिछले एक हफ्ते में गेहूं के बाजार मूल्य में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट का असर हुआ है। बढ़ती कीमतों पर अंकुश के लिए सरकार ने 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला किया था।

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The Chopal New Delhi। सरकार ने शुक्रवार को बताया कि खुले बाजार में बिक्री के फैसले के बाद बीते एक हफ्ते में गेहूं के भाव में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज हुई है। बढ़ती कीमतों पको रोकने के लिए सरकार ने 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला किया था।

भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने इस हफ्ते में आयोजित ई-नीलामी के पहले दो दिन में अबतक थोक खरीदारों को 2,474 रुपये प्रति क्विंटल की औसत दर से 9.2 लाख टन गेहूं बेचा गया है। कुल 30 लाख टन में से 25 लाख टन थोक उपभोक्ताओं मसलन आटा मिलों को, तीन लाख टन नेफेड जैसी संस्थाओं को और शेष दो लाख टन राज्य सरकारों को बेचा जाना है।

कीमतों में गिरावट का अनुमान 

खाद्य मंत्रालय ने बताया कि ई-नीलामी ने पहले ही पिछले एक हफ्ते में गेहूं के बाजार मूल्य में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। ई-नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं के उठाव और बाजार में गेहूं का आटा उपलब्ध करवाने के बाद कीमतों में और गिरावट आना तय है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दो फरवरी को गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 33.47 रुपये प्रति किलोग्राम था और गेहूं के आटे की कीमत 38.1 रुपये प्रति किलोग्राम थी। साल 2022 में इसी तारीख को, गेहूं और गेहूं के आटे का औसत खुदरा मूल्य क्रमश: 28.11 रुपये प्रति किलोग्राम और 31.14 रुपये प्रति किलोग्राम था।

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