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बिहार में नई रेल लाइन जमीन अधिग्रहण जल्द होगा शुरू, इन जिलों की बीच के गावों को मिलेगा मोटा मुनाफा

New Railway Line: देश में रेलवे ट्रेन के जरिए लाखों लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए तय करते हैं। रेलवे में सफर करना आरामदायक होने के साथ-साथ सस्ता भी पड़ता है। बिहार में भी रेल कनेक्टिविटी को लेकर अच्छे कार्य किया जा रहे हैं। इसी बीच अब बिहार के 6 शहरों के बीच रेलवे लाइन के जरिए दूरी कम होने वाली है। यहां पर अब एक नई रेलवे लाइन बिछाई जाएगी।

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बिहार में नई रेल लाइन जमीन अधिग्रहण जल्द होगा शुरू, इन जिलों की बीच के गावों को मिलेगा मोटा मुनाफा 

Bihar News : बिहार में रेल कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए 6 शहरों के बीच एक नई रेलवे लाइन बिछाने की योजना बनाई गई है। भागलपुर में एक और नई रेलवे लाइन बनाने की तैयारी तेजी से हो रही है। विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन के साथ गंगा नदी पर ब्रिज का निर्माण कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद शुरू हो गया है। एजेंसी के चयन के लिए निविदा जारी की गई है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जारी है।

विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन ब्रिज, जो भागलपुर के पास गंगा पर 26.23 किलोमीटर लंबा है, को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर रेलवे ने काम शुरू कर दिया है। एजेंसी का चुनाव करने की निविदा जारी की गई है। विक्रमशिला-कटरिया रेललाइन बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण भी चल रहा है। भू-अर्जन की प्रक्रिया जल्द ही समाप्त हो जाएगी।

200 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहण की जाएगी

कई जगहों पर 200 हेक्टेयर से अधिक जमीन अधिग्रहण की जाएगी। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ सतीश चंद्रा ने कहा कि टेंडर जारी कर दिया गया है। इस वर्ष अगस्त में परियोजना को मंजूरी मिली थी। विक्रमशीला-कटरिया रेलवे लाइन के तहत भागलपुर में गंगा नदी पर एक और पुल का निर्माण 25497.17 करोड़ रुपये का होगा।

यह बिहार का पांचवां रेल पुल होगा और भागलपुर का पहला होगा। अबतक भागलपुर में विक्रमशिला सेतु, नया सुल्तानगंज-अगुवानी पुल और विजय घाट पुल सड़क पर हैं। पुल, जो 26.23 किलोमीटर लंबा होगा, न सिर्फ दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ेगा, बल्कि कोसी और सीमांचल प्रदेश के पूर्वी बिहार, यानी अंग क्षेत्र से भी रेल संपर्क बनाएगा।

नया प्रस्तावित गंगा पुल वाई आकार का होगा। इसमें पुल के दोनों ओर रेलमार्ग होगा। लाइन कटरिया और नवगछिया से उत्तर में और विक्रमशिला और शिवनारायणपुर से दक्षिण में बटेश्वर स्थान के पास जुड़ेगी। नई रेल लाइन के प्रस्ताव से गतिशीलता में सुधार और सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।

मुख्य पुल 2.5 किलोमीटर लंबा होगा। यह पुल उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क को और मजबूत करेगा। यह पुल बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को एकजुट करेगा। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े जिलों को भी जोड़ सकेगा।

5 शहरों से रेल संपर्क आसान होगा

कोसी क्षेत्र में गोड्डा, दुमका, देवघर, रांची, भागलपुर और अन्य शहरों से रेल संपर्क सुगम होगा। इन शहरों के बीच की दूरी भी कम होगी। यह पुल पूर्वी और उत्तरी भारत को एक और रेल कारिडोर बनाएगा। मेगा रेल कारिडोर होगा। दूसरी ओर, परियोजना पूरी होने पर भागलपुर से नई ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

यात्रियों को आराम मिलेगा। कटरिया को मालदा मंडल में भागलपुर विक्रमशिला से जोड़ा जाएगा। साथ ही सबौर में एक वाई-लेग सेक्शन भी प्रस्तावित है। यहां एक सप्ताह पहले पूर्व रेलवे महाप्रबंधक मिलिंद के देउस्कर भी निरीक्षण कर रहे थे। रेलमंत्री ने भी वर्चुअल में रेल अधिकारियों के साथ एक बैठक में इस मेगा ब्रिज की परियोजनाओं पर चर्चा की। 95 करोड़ किलोग्राम कार्बन कम होगा।

बता दें कि इस परियोजना को बजट में मात्र वित्तीय वर्ष 2016-17 में शामिल किया गया था। बजट में 4500 करोड़ का प्रस्ताव था। एक साल पहले, एलाइनमेंट का ड्रोन सर्वे हुआ था। सर्वे के अनुसार, गंगा नदी क्षेत्र में अधिकांश जमीन है। इसलिए अधिग्रहण बहुत समय नहीं लेगा।