राजस्थान साइबर सिक्योरिटी में बनेगा सर्वश्रेष्ठ राज्य, स्वदेशी तकनीक को देना होगा बढ़ावा
Rajasthan News: शनिवार को योजना भवन में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की अध्यक्षता में साइबर सिक्योरिटी को और अधिक मजबूत करने के लिए व्यापक रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में मानव संसाधन, प्रक्रियाओं और तकनीकी विकास पर चर्चा हुई।

Rajasthan Politics: सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक से यह स्पष्ट होता है कि सरकार साइबर सिक्योरिटी को एक राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास की प्राथमिकता मान रही है।
त्रिआयामी दृष्टिकोण: पीपल, प्रक्रिया और तकनीक
बैठक में आईटी मंत्री कर्नल राठौड़ ने साइबर सुरक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की जरूरत पर बल दिया। उनका कहना था कि साइबर सुरक्षा केवल हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर बनाने तक सीमित नहीं है। इसके लिए तीन प्रमुख घटकों का समन्वय होना चाहिए: पीपल (लोग), प्रोसेस (प्रक्रियाएं) और टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी)। उनका कहना था कि सिर्फ तकनीक पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। अंतरराष्ट्रीय निर्भरता को कम करने के लिए घरेलू तकनीक को बढ़ावा देना होगा।
प्रशिक्षित कार्मिक: साइबर सिक्योरिटी की बुनियादी बातें
बैठक में कर्नल राठौड़ ने मानव संसाधन विकास पर विशेष जोर दिया। उनका कहना था कि साइबर सिक्योरिटी से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की क्षमता को बढ़ाने के लिए दोनों संरचित और असंरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उनका कहना था कि प्रत्येक दिन प्रशिक्षण, जागरूकता बढ़ाना और ग्रूमिंग होना चाहिए। प्रमाणित ट्रेनिंग कार्यक्रमों के माध्यम से कर्मचारियों की क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए भी पर्याप्त बजट प्रदान किए जाएंगे। इससे कर्मचारियों की तकनीकी क्षमता और पेशेवर मूल्य बढ़ेंगे। साथ ही कार्यसंस्कृति में सुधार होगा, जो लंबे समय तक विभाग की क्षमता को बढ़ा देगा।
देश का आईटी विभाग सर्वश्रेष्ठ होगा
IT मंत्री कर्नल राठौड़ ने राजस्थान के IT विभाग को देश का सर्वश्रेष्ठ बनाने का वादा किया। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नवीन और मजबूत भारत का नेतृत्व किया है। हम नवीन विचारों और दृढ़ इच्छाशक्ति से आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान का आईटी विभाग देश में एक उदाहरण बन जाए। इसलिए विभाग ने अपने लक्ष्यों को एक निश्चित अवधि में पूरा करने की योजना बनाई है। कर्नल राठौड़ ने कहा कि भामाशाह डेटा सेंटर आज देश के अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और उन्नत है। यह डेटा सेंटर तकनीकी रूप से अच्छा है और साइबर खतरों से डेटा की सुरक्षा करता है।
कर्नल निधीश भटनागर, एक प्रतिष्ठित साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और पूर्व सैन्य अधिकारी, ने बैठक में प्रजेंटेशन के माध्यम से अपनी बात रखी। उनका दावा था कि आजकल साइबर अपराधी दिन-प्रतिदिन चालाक हो रहे हैं। ऐसे में, IT कर्मचारियों को हर दिन अपडेट और सतर्क रहने की आवश्यकता है। जयपुर विकास प्राधिकरण, ऊर्जा, सहकारिता, भूजल संसाधन, परिवहन, आबकारी, आरजीएचएस और आईएफएमएस परियोजनाओं के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के उच्च अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
घरेलू तकनीक को बढ़ावा देना
आईटी मंत्री राठौड़ ने कहा कि केवल तकनीक पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। अंतरराष्ट्रीय निर्भरता को कम करने के लिए घरेलू तकनीक को बढ़ावा देना होगा। साइबर सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की क्षमता को बढ़ाने के लिए संरचित और असंरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उनका कहना था कि हर दिन प्रशिक्षण, जागरूकता बढ़ाने और ग्रूमिंग की जरूरत है। प्रमाणित ट्रेनिंग कार्यक्रमों के माध्यम से कर्मचारियों की क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए भी पर्याप्त बजट प्रदान किए जाएंगे। इससे कर्मचारियों की तकनीकी क्षमता बढ़ेगी और उनका पेशेवर मूल्य बढ़ेगा। साथ ही कार्यसंस्कृति में सुधार होगा, जो लंबे समय तक विभाग की क्षमता को बढ़ा देगा।