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सरकार किसानों को बांट रही 60 HP के ट्रैक्टर, ऐसे उठायें फायदा

राज्य में करीबन पांच लाख ट्रैक्टर आज के समय में हैं, इनमे से आधे से ज्यादा ट्रैक्टर हैप्पी सीडर चलाने में सक्षम नहीं हैं। अधिकतर ट्रैक्टर 35 से 40 एचपी होने की वजह से पराली प्रबंधन के लिए सक्षम नहीं है। इसके लिए 50 से 60 हॉर्सपावर ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती है। कृषि विभाग द्वारा पराली प्रबंधन के लिए सुपर सीडर और हैप्पी सीडर जैसी मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है।
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सरकार किसानों को बांट रही 60 HP के ट्रैक्टर, ऐसे उठायें फायदा

The Chopal, Sarkari Yojana News : धान की खेती के बाद भी पराली प्रबंधन या फसल अवशेष की समस्या का सामना करना पड़ता है। पराली का प्रबंध करने के लिए किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इस समस्या का समाधान करने के लिए किसानों को कई प्रकार के कृषि यंत्रों को जरूरत पड़ती है। राज्य सरकार ने पराली प्रबंधन को आसान बनाने के 1100 किसानों को बड़े ट्रैक्टर देने का फैसला किया है। राज्य सरकार के अनुसार किसानों को इन ट्रैक्टरों का उपयोग करके कम समय में पराली प्रबंधन हो पाएगा। जिससे वायु प्रदूषण में राहत मिलेगी।

जानकारी अनुसार बता दे कि राज्य में करीबन पांच लाख ट्रैक्टर आज के समय में हैं, इनमे से आधे से ज्यादा ट्रैक्टर हैप्पी सीडर चलाने में सक्षम नहीं हैं। अधिकतर ट्रैक्टर 35 से 40 एचपी होने की वजह से पराली प्रबंधन के लिए सक्षम नहीं है। इसके लिए 50 से 60 हॉर्सपावर ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती है। कृषि विभाग द्वारा पराली प्रबंधन के लिए सुपर सीडर और हैप्पी सीडर जैसी मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है। जिसके लिए बड़े ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती है। किराये पर ट्रैक्टर लेने का खर्च अधिक आता है, जिससे अधिकतर किसान पराली प्रबंधन का काम नहीं कर पाते हैं।  

किसे मिलेगा योजना का फायदा 

पंजाब के किसानों को ही पराली प्रबंधन के लिए ट्रैक्टर दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ सिर्फ पंजाब के किसानों को मिलने वाला है। इस योजना का लाभ अन्य राज्य के किसान नहीं उठा सकते है। पंजाब के छोटे किसानों को इस योजना से फायदा मिलेगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने से ट्रैक्टर खरीद नहीं पा रहे हैं या उनके पास छोटा ट्रैक्टर है जो उनके लिए पराली प्रबंधन का काम करने में मुश्किल बनाता है।

कितने HP का मिलेगा ट्रैक्टर 

पराली प्रबंधन के लिए 50 से 60 HP के ट्रैक्टर की जरूरत पड़ती हैं। सुपर सीडर और रोटावेटर का अधिक इस्तेमाल खेत की जुताई और अतिरिक्त प्रबंधन में होता है। इसी वजह से इन भारी कृषि यंत्रों को चलाने के लिए अधिक शक्तिशाली ट्रैक्टर की जरूरत होती है। राज्य के अधिकांश किसानों के पास 30 से 35 एचपी के ट्रैक्टर हैं, जो हैप्पी सीडर या सुपर सीडर जैसे कृषि मशीनों को चलाने में सक्षम नहीं हैं. 

सुपर सीडर पराली प्रबंधन को आसान बना देता है। इस मशीन  के जरिए फसल के अवशेषों को काटकर मिट्टी में दबाया जाता है। यह मशीन गेहूं या सरसों की बिजाई भी कर सकती है। मिट्टी में फसल अवशेषों को दबाने के बाद वे गलकर खाद बन जाती हैं। इससे खेत की उर्वराशक्ति बढ़ती है और जमीन में नमी बरकरार रहती है, जिससे जमीन की पानी सोखने की क्षमता बढ़ती है। 

हैप्पी सीडर का उपयोग कैसे करें हैप्पी सीडर (Happy Seeder) बीज की बुवाई करता है और भूसे को हटाता है, जो अतिरिक्त प्रबंधन का काम है। यह भी भूसे को पूरे खेत में बिखेरता है। यह हैप्पी सीडर खेत की मल्चिंग है, जो जमीन की नमी को बनाए रखने में सहायता करता है। इससे बीज अंकुरण बेहतर होता है। अब खेत के लिए खाद के रूप में फैलाया गया भूसा कुछ दिनों में विघटित हो जाता है। यह मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बचाता है।