सरकार की 18 % तक सिकुड़े, भीगे, टूटे गेहूं के खरीद मंजूरी का बड़ा असर, मंडियों में बढ़ी 24 लाख टन आवक

Wheat Procurement: देश के कई राज्यों में गेहूं कटाई तेजी से चल रही है. किसान भी गेहूं को काटकर तुरंत मंडी लेकर पहुंच रहा है. किसान सबसे पहले मौसम के वर्तमान रुख को तुरंत भांप रहा है. एक-दो दिन पहले आई बारिश ने गेहूं काट रहे किसान की चिंता भी बढ़ा दी है. उधर, केंद्र और राज्य सरकार भी गेहूं खरीद पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. केंद्र सरकार एजेंसियों से गेहूं खरीद का डाटा लगातार जुटा रही है. वहीं, राज्य सरकार भी मंडी के स्तर से गेहूं के आंकड़ों की अपडेट ले रही हैं. खरीद केंद्रों पर किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी भी न हो. इसका भी विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है. गेहूं खरीद को लेकर अब पंजाब से राहत भरी खबर सामने आई है. यहां गेहूं की बंपर खरीद होने का अनुमान अब जताया गया है. इससे साफ है कि किसान भी गेहूं बेचकर ठीकठाक पैसा भी कमा लेंगे.
पंजाब में 1.2 करोड़ टन तक हो सकती है गेहूं खरीद
पंजाब की मंडियों में गेहूं अब पहुंच रहा है. अधिकारी भी गेहूं खरीदने में बीते कुछ दिनों से मंडियों में जुटे हुए हैं. अब पंजाब सरकार के अधिकारी ने बताया कि मौजूदा रबी सत्र में गेहूं खरीद भी अच्छी हो सकती है. खरीद का आंकड़ा 1.2 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान है. जबकि बीते साल गेहूं खरीद 96.47 लाख टन तक रही थी. करीब 24 लाख टन की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है.
पंजाब में 14 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित
पंजाब में बेमौसम बारिश से लगभग 14 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. हाल में सांसद राघव चडढा ने भी प्रभावित किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा था. अब राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि राज्रू में कुल 34.90 लाख हेक्टेयर तक में फसल की बुआई हुई है, जबकि इसमें 14 लाख हेक्टेयर प्रभावित भी हो गई है. यह बड़ा हिस्सा है. राज्य के कृषि विभाग ने 47.24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर या 19 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज की संभावना अब जताई है. इसी आधार पर जारी आंकड़ा निकाला गया है.
इन जिलों में हुआ बेमौसम बारिश का बहुत अधिक असर
बीते माह मार्च में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि हुई थी. इसका असर फसल पर देखने को भी मिला है. ओलावृष्टि और तेज हवाओं के चलते पंजाब के फाजिल्का, मुक्तसर, मोगा और पटियाला समेत कई अन्य स्थानों पर भी गेहूं व अन्य फसलें प्रभावित भी हुई हैं. हालांकि गनीमत ये है कि केंद्र सरकार की एजेंसियों ने 18 % तक सिकुड़े, भीगे, टूटे गेहूं की छूट दे दी है. इससे किसानों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा. बस किसान गेहूं बिकने तक बारिश न होने की दुआ कर रहे हैं.