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Cotton: चिंता में किसान, कॉटन के भाव 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक लुढ़के, पढ़ें भावों के उतार-चढ़ाव पर विशेष रिपोर्ट

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Cotton Production In India: देश के किसान खेती बाड़ी कर अपना पेट पालते हैं. मगर कई बार सूखा, बाढ़, बेमौसम बारिश से उनकी फसलों को नुकसान भी हो जाता है. वहीं, कई बार फसलों पर कीटों का हमला भी हो जाता है. वहीं, किसान फसलों का उचित दाम न मिलने पर भी परेशान रहता है. इन दिनों कपास को लेकर देश में कुछ ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. और किसानों के सामने सबसे बड़ा संकट कपास की पैदावार ज्यादा होना ही बन गया है. देश के किसान मंडियों में कपास बिक्री के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी मनचाहे दाम नहीं मिल रहे हैं. और इस स्थिति में अब किसान ये नहीं समझ पा रहे हैं कि वो फसल को तुरंत बेच दें या फिर स्टॉक करके रखें. 

देश में इतना उत्पादन होने का अनुमान

केंद्र की मोदी सरकार ने कपास उत्पादन की स्थिति का आकलन करने के लिए कॉटन प्रोडक्शन एंड कंजम्पशन की अलग कमेटी बनाई है. और इस कमेटी के आंकलन अनुसार, 337.23 लाख बेल्स तक कपास के उत्पादन का अनुमान जताया जा रहा है. जबकि बीते साल कपास उत्पादन का आंकड़ा 342 लाख बेल्स तक था. और एक बेल में लगभग 170 किलो तक कपास आता है. वहीं, कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इस साल देश में केवल 303 लाख बेल्स तक कपास होने की संभावना जताई है. एसोसिएशन के मुताबिक, इस साल कपास उत्पादन 14 साल के सबसे निचले स्तर पर भी जा सकता है. 

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किसानों में बनी दुविधा की स्थिति

अब कपास खरीद को लेकर किसानों में दुविधा की स्थिति भी बनी हुई है. क्योंकि कपास उत्पादन के अभी तक जो आंकड़ें निकल के सामने आ रहे हैं. उसके मुताबिक, कई आँकड़ों में भी ज्यादा उत्पादन बताया जा रहा है तो कहीं कम उत्पादन होने की बात कही जा रही है. ऐसे में अब किसान भी बहुत परेशान है कि कपास को रोके या बेचे?

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भावों में 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक आई कमी

बीते कुछ महीने में कपास के दाम अधिक तेजी से गिरे हैं. बीते सीजन में कपास के रेट 12 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे. इस साल किसान अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद भी जता रहे थे. मगर ऐसा भी नहीं हो सका है. इस साल कपास की कीमत 8 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक भी पहुंच गई है. हालांकि कपास का MSP रेट 6080 तक है. इससे अधिक कीमत बाजार में अभी भी लगातार बनी हुई है. हालांकि विशेषज्ञों ने कपास के दामों में अभी और ज्यादा गिरावट की संभावना भी जताई है. 

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