Mustard Farming: किसानों के लिए वरदान साबित होगी सरसों की ये उच्च किस्म, मुनाफा होगा चार गुना ज्यादा
Mustard Farming : कृषि अनुसंधान संस्थान ने आज कई उच्च किस्म के सरसों को बनाया है। खेतों में इन बीजों को लगाने से चार गुना मुनाफा मिलता है और यह बीज किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा ने एक सरसों की किस्म विकसित की है जिससे अच्छा उत्पादन होगा और इससे निकलने वाले तेल की गुणवत्ता अच्छी होगी। यानी इससे किसानों की आय बढ़ेगी और उनकी सेहत सुधरेगी। इसका नाम पूसा मस्टर्ड-32 है।

Mustard Farming : कृषि अनुसंधान संस्थान ने आज कई उच्च किस्म के सरसों को बनाया है। खेतों में इन बीजों को लगाने से चार गुना मुनाफा मिलता है और यह बीज किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। रबी फसल का समय आ गया है। इस मौसम में लोग अपने खेतों में चना, सरसों गेहूं आदि लगाते हैं। हमारे देश में व्यापक रूप से सरसों की खेती की जाती है, लेकिन बीज चुनते समय सावधान रहना चाहिए। किसान भाई उच्च किस्म के बीज को अपने खेतों में लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
किसान भाई ने अपने खेतों में पूसा मस्टर्ड-32 लगाया
पूसा मस्टर्ड-32 किसानों को बहुत अच्छा लगता है। यह किस्म भी अच्छा उत्पादन देती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पूसा मस्टर्ड-32 को विकसित किया है और इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि यह रोग प्रतिरोधी है।
इसे लगाने से लागत से ज्यादा मुनाफा मिलेगा।
इस किस्म का सरसों खेतों में लगाने से आपको लागत से ज़्याद मुनाफा मिलेगा। विशेष बात यह है कि इस सरसों की एक फली में 17 से 18 दान मिलते हैं। वहीं इसके दानों में अधिक तेल होता है। यह सरसों की किस्म प्रति हेक्टेयर 25 से 27 क्विंटल देती है।
इरूसिक एसिड की मात्रा अत्यंत कम है
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि पूसा मस्टर्ड-32 सरसों की किस्म में इरूसिक एसिड की मात्रा बहुत कम है। जो हृदय रोग की संभावना को कम करता है। सरसों से निकलने वाले तेल में झाग बनने की दर कम होती है। ग्लूकोसिनोलेट की मात्रा इसमें 30 माइक्रोमोल से भी कम है, जबकि सामान्य सरसों में 128 माइक्रोमोल होती है।