The Chopal

भारत में बढ़ता पारा बना गेहूं उत्पादन के लिए चिंता का विषय, मौसम विभाग के अलर्ट से नई सरकारी कमेटी का गठन

   Follow Us On   follow Us on
भारत में बढ़ता पारा बना गेहूं उत्पादन के लिए चिंता का विषय,

THE CHOPAL (नई दिल्‍ली) - भारत में फरवरी में लगातार बढ़ते तापमान के कारण अब गेहूं की फसल काफी  प्रभावित हो रही हैं। भारत की केंद्र सरकार ने इसका आकलन करने का निर्णय भी लिया हैं। आप को बता दे की  सरकारी अधिकारियों ने MONDAY को बयान देते हुए कहा कि भारत में बढ़ते तापमान के प्रभाव से  गेहूं की फसल पर असर का आकलन करने के लिए अधिकारियों का एक पैनल भी गठित कर दिया गया हैं। मौसम कार्यालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों में अब तापमान सामान्य से भी ऊपर रहेगा। गेहूं उत्पादक में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक (भारत) ने इस महीने की शुरुआत में यह कहा था कि अब की बार गेहूं उत्पादन 4.1 फीसदी से बढ़कर रिकॉर्ड 112.2 मिलियन टन तक होने की उम्‍मीद भी है। 

ALSO READ - खुशखबरी! किसानों को फसल जुताई और कटाई की मशीनों पर 50 % सब्सिडी, अभी यहां करें आवेदन

तापमान का प्रभाव - 

सर्दियों में बरसात की कमी ने भारत के उत्तरी राज्यों के कुछ इलाकों में तापमान को काफी बढ़ा दिया है, जहां पर ज्यादातर किसान गेहूं उगाते हैं। मौसम अधिकारियों के मुताबिक , पिछले सप्ताह दैनिक औसत तापमान MARCH के मध्य के स्तर तक पहुंच भी गया। बता दे की भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उपभोक्ता भी है, ने मई 2022 में गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। इसकी वजह थी तापमान में अचानक अधिक वृद्धि के बाद गेहूं उत्पादन में गिरावट आई। एक अधिकारी ने आधिकारिक नियमों के मुताबिक भारत सरकार ने अति उच्च तापमान के प्रभाव पर निगरानी के लिए एक समिति बनाने का फैसलाभी किया है, लेकिन बता दे की मौजूदा फसल की स्थिति अभी भी अच्छी दिख रही है।  

ALSO READ - राजस्थान के इस जिलें की पाक बॉर्डर पर नशे की बड़ी खेप बरामद, मिला टूटा ड्रोन, तस्करों की तलाश जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार इस हफ्ते कुछ राज्यों में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा भी है। अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कई इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा होने की संभावना भी है। IMD ने कहा, "इस उच्च दिन के तापमान से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है, जो तापमान के प्रति काफी  संवेदनशील होती है।