मौसम साफ रहने से मक्का किसानों को फायदा, कम भाव से हुए चिंतित

Kishanganj News : बीते दिनों पहले रात नेपाल के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हुई थी। इसके बाद कनकई और बूढ़ी कनकई नदी में अचानक पानी बढ़ गया। दियारा क्षेत्र में पानी भरने से सैकड़ों किसानों की लाखों की मक्का फसल भीगकर बर्बाद हो गई थी। अब मौसम खुलने से किसान बचे हुए मक्के को सुखाकर फसल बचाने की कोशिश कर रहे हैं।किसानों की परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई।
मंडी में मक्के की कीमत गिरने से वे और परेशान हैं। सरकारी समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल तय है, लेकिन बिचौलिए किसानों से 1900 रुपए से भी कम में मक्का खरीद रहे हैं। पहले यही मक्का 2000 रुपए से ज्यादा में बिक रहा था। किसानों ने बताया कि शुरुआत में मक्का का भाव 2100 से 2150 रुपए प्रति क्विंटल था। लगातार बारिश के बाद यह घटकर 1750 से 1800 रुपए रह गया है। महाजन भी अब मक्का खरीदने से बच रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सरकारी दर पर मक्का की खरीद नहीं होने से उन्हें परेशानी आती है।
बीते वर्षों में मक्का की खेती का बढ़ा है रकबा दिघलबैंक प्रखंड के 80 से 85 प्रतिशत किसान मक्का को नकदी फसल मानकर खेती करते हैं। बीते वर्षों में मक्का की खेती का रकबा बढ़ा है। किसानों ने बताया कि एक एकड़ में मक्का की खेती पर 25 से 30 हजार रुपए तक खर्च आता है। इस बार भाव गिरने से लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। किसानों ने बताया कि जिले में बड़े पैमाने पर मक्का की खेती होती है। इसके बावजूद यहां मक्का आधारित कोई उद्योग नहीं है। न ही सरकारी मंडी या पैक्स में मक्का खरीद की कोई व्यवस्था है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।