सरकार के लिए बड़ी परेशानी, PM आवास योजना का लाभ लेने के बाद, राजस्थान की 4000 महिलाओं ने बदले दिए अपने पति
THE CHOPAL (Udaipur News) : राजस्थान के लोग सालों से ही सामाजिक प्रथा-कुप्रथाओं को झेल भी रहे हैं, जिनके बहुत सारे मामले सामने भी आते रहते हैं, लेकिन आज एक ऐसा ही मामला सामने आया है। बता दे की यह कुप्रथा का शिकार अब सरकार की योजना पर भारी भी पड़ गई है। जानकारी के अनुसार , भारत की केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर हाल ही में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने भी आया है। एक तरफ जहां इस योजना के अनुसार राज्य में बन रहे मकानों में से 4 हजार मकान बनने के लिए अधूरे भी पड़े हुए हैं। इसके पीछे की वजह नाता प्रथा भी है।
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नाता प्रथा -
बता दे की राजस्थान की यह नाता प्रथा के माध्यम से महिलाओं ने दूसरी शादी कर ली है और अब नया पति बनने के बाद पुराने मकान बनने का काम अधूरा ही रहा गया हैं। मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक , राजस्थान के आदिवासी इलाके डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, बांसवाड़ा में कई सारे मामले सामने आए हैं, जिसमें लगभग 4000 महिलाओं के पति बदल लेने की वजह से प्रशासन के सामने बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। जानकारी के अनुसार , जिन 4000 महिलाओं ने दूसरी शादी कर ली है, उनके नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से घर आवंटित भी किए गए थे। आपको बता दे की इस योजन में घर बनाने के लिए महिलाओं के नाम पर ही पैसे दिए जाते है। इस योजना का लाभ लेने वाली 4000 महिलाएं अब अपना घर छोड़कर किसी और शख्स के साथ नए घर में जाकर रहने लग गई हैं। बता दे की इसके चलते ही अब जिस मकान के लिए इन्हें राशि दी गई थी, वह बीच में ही अधूरा ही रह गया है।
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आदिवासी इलाके -
आपको बता दे की इस मामले में जिन महिलाओं की संख्या सामने आई है, वह ज्यादा आदिवासी इलाके की है, जहां सदियों से नाथा प्रथा के माध्यम से महिलाएं अपनी मर्जी से किसी भी दूसरे व्यक्ति से विवाह करा सकती हैं, जिसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है। बता दे की साथ ही आदिवासी समाज में तलाक अबतक कोई नियम नहीं है। आपको बता दें कि PM आवास योजना के माध्यम से 3 किश्तों में रुपये दिए जाते है। पहली किश्त में महिला मुखिया के खाते में 15000 रुपये, दूसरी किश्त में 45000 रुपये और तीसरी किश्त में 60000 रुपये दिए जाते हैं। उदयपुर जिला परिषद के आवास प्रभारी अरुण शर्मा ने कहा कि ऐसी स्थिति में अब ऐसा कानून बनाना चाहिए जिसके माध्यम से इन मामलों से निपटा भी जा सके और आवंटित पैसे वापस भी लिए जा सकें.
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