UP में वैज्ञानिकों ने तैयार की सरसों की नई प्रजाति, किसानों को अगले साल मिलेंगे बीज
Kanpur Agriculture :उत्तर प्रदेश में 7 प्रतिशत अधिक तेल देने वाली सरसों की नई किस्म प्यार की गई है। बीज को जल्द ही किसानों को दे दिया जाएगा। इस नई प्रजाति में हर जलवायु में उच्चतम पैदावार देने की क्षमता है।

Kanpur Mustard : उत्तर प्रदेश में 7% अधिक तेल देने वाली सरसों की नई प्रजाति विकसित कर दी है। यह प्रजाति हर जलवायु मैं अच्छी पैदावार देने की क्षमता रखती है। जो किसानों को अच्छी पैदावार देखकर मालामाल कर देगी। यहां पर जाती अधिक तेल के लिए भी नहीं बल्कि 7.81 फीस दी अधिक पैदावार भी देने की गुणवत्ता रखती है। इस वैरायटी में तेल की कुल मात्रा 39.6 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ बीज जनक डॉक्टर महक सिंह ने सरसों की नई किस्म विकसित की है। इस प्रजाति में तेल की मात्रा 7 फिसदी अधिक होती है। इस वैरायटी को केएमआरएल 17-5 नाम दिया गया है। इस प्रजाति को उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्टिफाइड कर दिया है, जल्द ही भारत सरकार से बीज बिक्री नोटिस मिल जाएगा। इसके बाद बीज किसानो को दे दिया जाएगा।
गन्ने के किसान भी ले सकेंगे पैदावार
इस नई सरसों की वैरायटी की पैदावार गन्ना किसान भी करेंगे। क्योंकि किसानों को नवंबर में गन्ना कटाई करने के बाद खेतों को खाली छोड़ने के मजबूर होना पड़ता है। इसलिए इस प्रजाति की बिजाई नवंबर के अंतिम सप्ताह तक कर सकते हैं। यह प्रजाति आती विलम वर्ग की है। इसकी फसल 120 से 125 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। जिससे अगली फसल की बुवाई भी लेट नहीं होती है। क्योंकि सामान्य प्रजाति के बजाय इसे पकने में कुछ कम समय लगता है।
हर तरह की जलवायु के लिए अनुकूल
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि इस किस्म का परीक्षण 15 राज्यों की अलग-अलग जलवायु वाले इलाकों में किया गया है। 3 सालों के कठिन परिश्रम के बाद सफलता मिली है। इस प्रजाति का प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल इत्यादि जलवायु क्षेत्रों में किया गया है। इस प्रजाति मैं रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अन्य प्रजाति की तुलना में अधिक है। इसका दाना मोटा है और औसतन वजन 4.8 ग्राम प्रति हजार दाना है।
प्रजाति का अंक गणित
- किस्स का नाम: केएमआरएल 17-5
- बिजाई का समय: 28 नवंबर तक
- फसल तैयार होने का समय: 120 से 125 25 दिन
- तेल की मात्रा: 39.6 प्रतिशत
- राष्ट्रीय चेक से तेल की मात्रा अधिक: 7.4 फीसदी
- राष्ट्रीय चेक से पैदावार अधिक: 7.81 फीसदी