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गेहूं के बाद खाली खेतो में किसान करें इस फसल की खेती, तेजी से बढ़ेगी आमदनी, जानें विस्तार से

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गेहूं के बाद खाली खेतो में किसान करें इस फसल की खेती

THE CHOPAL (खेत खजाना) - आपको बता दे की अब गेहूँ कटने के बाद किसान भाई तीसरे फसल की तैयारी का  समय था जब जिले में मूंगफली की काफी ज्यादा खेती होती थी लेकिन अब नीलगाय व घुमंतू जानवरों के ज्यादा बढ़ने से किसानों का जब से नुकसान होना शुरू भी हुआ, उनका धीरे-धीरे इससे मोहभंग भी होने लगा। आपको बता दे की अनियमित रूप से होने वाली बरसात भी खेती छोड़ने की वजह भी बनी हैं। आपको बता दे की अब 2 दशक से भी अधिक समय बाद कादरचौक व आसपास के जगहों में किसानों ने मूंगफली की खेती एक बार फिर शुरू भी कर दी है। 

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मूंगफली की खेती की फसल में पानी की उपलब्धता प्रमुख भी है। आपको बता दे की इसी वजह से किसान पहले इसे केवल बरसात के मौसम में करते भी थे। उस वक्त यहां काफी खेती होती थी। मौसम के बदलाव की वजह से धीरे-धीरे बरसात  कम होने व अनियमितता की वजह से किसानों ने धीरे-धीरे इससे नाता तोड़कर अन्य चीजों की खेती भी शुरू कर दी।

घुमंतू जानवरों की वजह से भी किसानों की फसल नष्ट होने पर उनका मोह इससे भंग भी होने लगा। आपको बता दे की अब सिंचाई के संसाधन बढ़ जाने की वजह से किसानों का रुख एक बार फिर मूंगफली की खेती की तरफ हो भी रहा है। आपको बता दे की अब यहां किसान दो बार इसकी खेती भी कर रहे हैं। आपको बता दे की अगेती फसल को जून तक खोदकर बेच दिया जाता है तो दोबारा जुलाई के अंत में बरसात के दौरान फसल बो दी जाती है।

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किसानों के मुताबिक मूंगफली खरीफ और जायद दोनों की फसल भी है। आपको बता दे की हालांकि, खरीफ की अपेक्षा जायद में कीट और बीमारियों का प्रकोप कम भी होता है। आपको बता दे की इसकी फसल हवा और बरसात से मिट्टी कटने से भी बचाती है। आपको बता दे की एक बीघा में मूंगफली का उत्पादन करीब 7 से दस क्विंटल भी होता है, जिसकी बाजार मूल्य लगभग साढ़े 3 हजार से 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल भी होती है। आपको बता दे की इसमें गीली मूंगफली (होला) साढ़े 3 हजार से 4 हजार रुपये तथा मूंगफली 6 हजार से 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक भी जाती है।

मूंगफल्ली की खेती -

आपको बता दे की इसके लिए शुष्क जलवायु की जरूरत भी होती है, ताकि मिट्टी में अब जल भी रुक न पाए। आपको बता दे की इसकी खेती के लिए दोमट बलुअर, बलुअर दोमट या हल्की दोमट भूमि अच्छी भी रहती है। आपको यह मटर,आलू सरसों और गेहूं की कटाई के बाद खाली जमीन पर जा सकती है। आपको बता दे की इसका यह फायदा ये होता है कि गेहूं आदि की कटाई के बाद खेत खाली नहीं रहते।