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हिसार में नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी पर जींस पहन कर नहीं आ सकेंगे, जानिए वजह

Hisar News : हरियाणा जिले में IAS अधिकारी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए सभी ऑन ड्यूटी अधिकारियों के जींस पहनने पर रोक लगाई है। यह आदेश हिसार नगर निगम के नवनियुक्त कमिश्नर डॉ. वैशाली शर्मा ने जारी किए है।
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हिसार में नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी पर जींस पहन कर नहीं आ सकेंगे, जानिए वजह

Haryana News : हरियाणा जिले में IAS अधिकारी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए सभी ऑन ड्यूटी अधिकारियों के जींस पहनने पर रोक लगाई है। यह आदेश हिसार नगर निगम के नवनियुक्त कमिश्नर डॉ. वैशाली शर्मा ने जारी किए है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के सभी अधिकारियों को काम के समय जींस की जगह पर फॉर्मल ड्रेस को पहना होगा और इस निर्देश का पालन सख़्ती से करना होगा। जिसका आदेश जारी कर दिया गया है।

इस आदेश से लगभग सभी कर्मचारी नाराज हैं, लेकिन इसके बारे में कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। 27 अगस्त को डॉ. वैशाली शर्मा ने हिसार में निगम कमिश्नर का पदभार संभाला है। इसके बारे में उन्होंने बताया कि ऑफिस में कर्मचारी जींस चप्पल में आ रहे थे।जिसकी वजह से इस नियम को जारी किया गया है।

डॉ. वैशाली शर्मा के बारे में

डॉ. वैशाली अलीगढ़ की रहने वाली, 2017 बैच की एक आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) हैं। डॉ. वैशाली एक डॉक्टर से आईएएस अधिकारी बनी हैं। इन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से की और फिर मथुरा के अस्पताल में काम किया।

वे एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी बिना कोचिंग के करती रहीं और रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ाई करके अपने लक्ष्य को पूरा किया। 2017 में उन्हें हियरिंग डिसएबल्ड कैटेगरी में प्रथम स्थान मिला था। उनके पिता गिरीश शर्मा ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे। जबकि उनकी मां नीलम शर्मा आईटीआई के निदेशक पद पर कार्यरत हैं।

डॉ. वैशाली की बहन डॉ. विशाखा शर्मा एक गाइनोक्लॉजिस्ट हैं और उनके भाई रूपेश शर्मा एमबीबीएस कर रहे हैं। डॉ. वैशाली ने फरीदाबाद नगर निगम, गुरुग्राम और नारायणगढ़ में एसडीएम और एडीसी के रूप में भी काम किया है।

इस वजह से किया गया, जींस-चप्पल को बेन

नगर निगम कमिश्नर डॉ. वैशाली शर्मा ने कहा, "जब मैं नगर निगम कार्यालय आई तो देखा कि कुछ कर्मचारी चप्पल और जींस में कार्यालय आए थे।" जिसे देखकर मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। हमें ऑफिस में अच्छे से पहुंचना चाहिए। जिसके लिए शानदार शूज पैंट और शर्ट होना चाहिए। मैंने सिर्फ हिसार नगर निगम में ही ऐसा देखा है। इससे पहले मैंने एक और स्थान पर भी काम किया था, लेकिन वहां पर मुझे ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। अगर हम बाकि कर्मचारियों की तरह ऑफिस में आ जाएंगे, तो क्या फर्क पड़ेगा?

अस्पतालों में लागू हुआ था, ड्रेस कोड

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पहले सरकारी अस्पतालों में ड्रेस कोड लागू किया था, जिसमें बताया गया था कि, कर्मचारियों को किसी भी रंग की जींस, डेनिम स्कर्ट या डेनिम ड्रेस पहनने पर रोक लगेगी।

इसके अलावा शॉर्ट्स, स्वेट सूट और शर्ट या प्लाजो, स्लेक्स, ड्रेस और स्कर्ट भी पहनने की अनुमति नहीं होगी। यही नहीं, पुरुष कर्मचारियों को कॉलर की लंबाई से अधिक बाल नहीं रखने का आदेश दिया गया था। असामान्य हेयर स्टाइल और गैर-पारंपरिक हेयर कट भी प्रतिबंधित किए गए थे।

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