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Chana MSP: अब चना बिकेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य से महँगा, केंद्र सरकार ने उठाया किसानहित में बेहतरीन कदम

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अब चना बिकेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य से महँगा

Chana MSP: देश मे दलहन की महंगाई रोकने के लिए सरकार भले ही आज हर कदम उठाने को तैयार है फिर भी मटर के आयात की अनुमति देने की कोई उम्मीद फिलहाल नहीं है। एक सप्ताह पहले ही इंदौर दाल मिल संचालकों की बैठक लेने आए केंद्रीय खाद्य सचिव रोहित कुमार सिंह को कारोबारियों ने मटर आयात की खोलने की सलाह भी दी थी। और सचिव ने इस पर विचार की बात कही थी।और अब चना किसानों के हित में सरकार ऐसी कोई भी अनुमति जारी करने से भी बच रही है।

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बाजार सूत्रों के अनुसार मटर आयात को लेकर सरकार ने अधिकारियों और विशेषज्ञों की राय भी ली है। इसमें सामने आया है कि यदि मटर आयात खोला जाता है तो देश के चना उत्पादक किसानों का भारी नुकसान होगा। इस वर्ष देश में चना का कुल उत्पादन 13.63 मिलियन टन तक आंका गया है। बीते साल 13.54 मिलियन टन से यह अधिक ही है। दो वर्षों से चना का बाजार और दाम सुस्त और स्थिर बने हुए हैं। चना की सरकार ने MSP 5335 रुपये प्रति क्विंटल तक निर्धारित की है। हालांकि बाजार में दो सालों से चना MSP के नीचे ही बिक रहा है।

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नाफेड भी बीते दिनों से बड़े पैमाने पर मंडियों में चना खरीद रहा है। ताकि दलहन के स्टाक के साथ किसानों के नुकसान की भरपाई भी साथ की जा सके। मौजूदा दौर में तो चना 4700 रुपये क्विंटल के आसपास तक बना हुआ है। नाफेड की चना खरीद का आंकड़ा 11.68 लाख टन के पार तक पहुंच चुका है। महाराष्ट्र से 4.93 तक , मप्र से 2.67 और गुजरात से 2.23 लाख टन तक चना नाफेड खरीद चुका है। आगे राजस्थान, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से भी अच्छी तादात में चना की सरकारी खरीदी की उम्मीद भी है। जहां अभी तक धीमी रफ्तार से खरीदी हुई है। हालांकि अब भी मिल संचालक सीमित मात्रा में मटर आयात की वकालत भी कर रहे हैं।

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सरकार का अनुमति देने का कोई ईरादा भी नहीं है। ऐसे में मटर निर्यात प्रतिबंधित श्रेणी में ही बरकरार रहेगा। दाल मिल वालों की दलील थी कि उप्र और कई राज्यों में तुवर के विकल्प के रूप में मटर की दाल का उपभोग भी किया जाता है। जब देश में तुवर का उत्पादन भी कम है और दाम बढ़े हुए है तो मटर के आयात से उस पर काबू भी पाया जा सकता है।