राजस्थान में कैमल फेस्टिवल के दौरान जापानी लड़की ने काटे ऊंट के बाल, रोज खाती है बाजरे की रोटी

The Chopal, Bikaner(Rajasthan): आज राजस्थान के बीकानेर में एक जापानी लड़की ऊंट के बाल काट रही है. इस लड़की का कहना है कि उसे राजस्थानी खाना बहुत पसंद है. मैगी ने बताया कि उसे बाजरे की रोटी और गुड़ खाना बहुत पसंद है. उन्होंने कहा कि उन्हें भगवान राधा-कृष्ण की जोड़ी बहुत प्रिय लगती है. राजस्थान के बीकानेर में आज एक जापानी लड़की देखी जाती है, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. ये जापानी लड़की पिछले एक महीने से बीकानेर के पास एक छोटे से कस्बे में रह रही है. यह लड़की जापान के टोक्यो में रहती है और इसका नाम मागुमी है.
जापान के टोक्यो से आई ये जापानी लड़की बीते एक महीने से बीकानेर गांव में रहती है और दिन भर ऊंटों के बीच रहती है. इस लड़की को भगवान राधा-कृष्ण की जोड़ी इतनी पसंद आई है कि उसने ऊंट महोत्सव के लिए इसे सजाते समय अपने ऊंट पर राधा-कृष्ण की कला बनाई है. ये लड़की यहीं रहती है और बड़े चाव से राजस्थान का खाना खाती है. मैगुमी, जिन्हें मैगी के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा कि उन्हें बाजरे की रोटी और गुड़ खाना बहुत पसंद है. उन्होंने यहां रहने वाले लोगों और यहां की संस्कृति से ऐसे घुलमिल गए हैं, जैसे उनका जन्म यहीं हुआ हो.
ऊंट बाल कटवाने
मैगुमी बीकानेर एयरफोर्स स्टेशन के पास रहती हैं. वह अपनी सहेलियों के साथ मिलकर ऊंट का 'हेयरकट' कर रही हैं. ऊंट के इस हेयरकट में यह हेयरकट बिल्कुल अनोखा है. मैगुमी के शरीर पर डिजाइन बन रही है और बताया जाता है कि वह भारत से बहुत प्यार करती है और ऊंट की पेंटिंग बनाती है. उन्होंने कहा कि वह भगवान राधा-कृष्ण की जोड़ी से प्यार करते हैं और उनके प्यार करने के तरीके से बहुत प्रेरित हैं, इसलिए उन्होंने ऊंट को राधा-कृष्ण की थीम में सजाया है.
ऊंट पर 'पधारो म्हारे बिकाना' लिखा हुआ है
मैगुमी ने राजस्थानी वेशभूषा में ऊँट के पाँव पर महिलाओं की कला बनाई है और 'पधारो म्हारे बिकाना' भी लिखा है. उसने कहा कि वह ऊंट मालिक को उसके शौक के लिए रोजाना 500 रुपये देती है. ये सभी ऊंट 13 जनवरी को होने वाले वर्ल्ड फेमस कैमल फेस्टिवल में लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे.
ऊंट पार्टी
मैगुमी ने कहा कि वह 10 साल पहले भारत आई थीं जब उन्होंने कैमल फेस्टिवल देखा था और यहां ऊंटों पर बनी कला से आकर्षित हुई थीं. इसीलिए हर साल वह ऊंट महोत्सव देखने आने लगा. वहीं इस बार वह कैमल फेस्टिवल देखने भी पहुंचे हैं.
जापानी लड़की ने ऊंट के बाल काटे
मैगुमी ने कहा कि उन्हें कला बनाना बहुत पसंद है, जब उन्होंने ऊंटों के बाल काटने की कला देखी तो उन्होंने भी सोचा कि मैं भी यह कला सीखूंगी, इसलिए वह इस बार अपने दोस्त संजय इंखियान के साथ एक महीने पहले बीकानरे आई थीं. मैंने फोन किया और ऊंट की व्यवस्था करने के लिए कहा.
ऊंट कला के विभिन्न प्रकार.
वहां उन्होंने नल गांव में एक ऊंट उपलब्ध कराया. वह और उसकी दो सहेलियाँ यहाँ रहती हैं और मागुमी पूरा दिन ऊँट पर तरह-तरह की कलाएँ बनाने में बिताती है. वहीं उसके दो दोस्त उसका वीडियो बना रहे हैं. मैगुमी ने कहा कि उन्होंने यह कला खुद सीखी है. उसने सिर्फ कलाकारों को देखा और यह काम करने लगी.
बाजरे की रोटी-गुड़ मजे से खाएं
कैमल फेस्टिवल 13 जनवरी से शुरू होगा. वहीं मागुमी ने चार दिन पहले ही अपना ऊंट तैयार कर लिया है. उन्होंने ऊँट पर भारतीय संस्कृति का चित्रण किया है. उन्होंने राजस्थानी महिलाओं को नचाया और दूसरी ओर राधा-कृष्ण को. वहीं, राजस्थानी लोक कला को ऊंट के कूबड़ पर उकेरा गया है. एक पैर पर 'ऊंट महोत्सव' और दूसरे पैर पर 'म्हारो प्यारो बिकानो' लिखा हुआ है. मैगुमी ने बताया कि उन्हें राजस्थानी खाना बहुत पसंद है. वह बाजरे की रोटी, सरसों का साग और गुड़ बड़े चाव से खाती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें पकौड़े बहुत पसंद हैं.