RBI news : बैंक आपको डिफॉलटर होने पर इतने वक्त के बाद दे देगा लोन
THE CHOPAL: अगर आपने जान बूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया है तो भी आपको नया लोन मिल सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक दिशा निर्देश में कहा, बैंक ऐसे कर्जदार की पहचान करें और उनके साथ सेटलमेंट करें। यह सेटलमेंट होने के 12 महीने बाद बैंक कर्जदारों को लोन दे सकते हैं। हालांकि, बैंक बोर्ड चाहे तो इस अवधि को और ज्यादा बढ़ा सकता है।
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RBI के मुताबिक, सभी विनियमित संस्थाओं (आरई) को उधारकर्ताओं के साथ-साथ तकनीकी इटऑफ का समझौता करने के लिए बोर्ड की मंजूर नीतियों को लागू करने की जरूरत होगी। सभी समझौता निपटान और तकनीकी राइट ऑफ के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया निर्धारित करें। शर्तों में न्यूनतम उम्र बढ़ते गारंटी मूल्य में गिरावट आदि शामिल होंगी।
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RBI ने कोरोना के दौरान डिफॉल्टर होने से बचने के लिए मोराटोरियम का नियम लाया था यानी इसके तहत कुछ समय तक बैंक आपको डिफॉल्टर की सूची में नहीं डाल सकता था। उसके बाद भी लाखों लोग बैंकों के डिफॉल्टर हो गए। जिसके कारण उन्हें सेटलमेंट मान्यता नहीं दी जाएगी। आरई करने के बाद भी लोन मुश्किल से मिल पा रहा था। अब RBI के ऐसे किसी भी दावे को मौजूदा बड़ा सौदा है। यह इस फैसले से आम डिफॉल्टर्स को दिशानिर्देशों के अनुसार पुनर्गठित समय में पूरा हु काफी राहत मिलेगी।
बैंक के बोर्ड को बनानी होंगी नीतियां
बोर्ड की तय की जा सकने वाली उचित सीमा और समय-सीमा के साथ ऐसे मामलों में कर्मचारियों की जवाबदेही की जांच के लिए नीतियां फ्रेमवर्क भी स्थापित होंगी। आरई इरादतन चूककर्ता या धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत खातों के संबंध में ऐसे देनदारों के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही पर विपरीत प्रभाव डाले बिना समझौता समाधान या तकनीकी बट्टे खाते में डाल सकते हैं।
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RBI का उद्देश्य आरई के हित में कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा रकम की वसूली करना है। केंद्रीय बैंक ने कहा, इस तरह की वसूली या समझौता किसी पूर्वाग्रह के बिना होना. साथ यूबीएस का वह चाहिए। इस तरह के दावों को 132 लाख करोड़ बैलेंसशीट पर किसी भी तरह से करोड़ डॉलर) की की बैलेंस शीट पर पहचाने गए कर्ज माना जाएगा।