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UP News: उत्तर प्रदेश के इस शहर में लगेगी नई इकाई, कारोबार पकड़ेगा स्पीड

Kanpur News : किसी समय सूती मिलों से प्रसिद्ध कानपुर ने फिर से उभरना शुरू किया है। शहर ने पिछले वित्तीय वर्ष में नए उद्यमों के उद्घाटन के मामले में राज्य में सबसे तेज 72 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल की है। यह वृद्धि दर गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ की तुलना में अधिक है। ये तीनो शहर अभी भी कानपुर से कुल मिलाकर आगे हैं।
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UP News: उत्तर प्रदेश के इस शहर में लगेगी नई इकाई, कारोबार पकड़ेगा स्पीड

The Chopal, UP News : किसी समय सूती मिलों से प्रसिद्ध कानपुर ने फिर से उभरना शुरू किया है। शहर ने पिछले वित्तीय वर्ष में नए उद्यमों के उद्घाटन के मामले में राज्य में सबसे तेज 72 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल की है। यह वृद्धि दर गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ की तुलना में अधिक है। ये तीनो शहर अभी भी कानपुर से कुल मिलाकर आगे हैं। लेकिन नई इकाइयों के शीघ्र खुलने से कानपुर एक बार फिर अपना पुराना सम्मान पाने की उम्मीद है।

वित्तीय वर्ष 2022–2023 में शहर में 41227 नई व्यापार, उत्पादन और सेवा इकाइयां शुरू हुईं। इससे शहर में पंजीकृत इकाइयों की कुल संख्या 98138 हो गई है। कुल पंजीकृत इकाइयों के लिहाज से उत्तर प्रदेश में कानपुर चौथे स्थान पर है। आगरा ने मार्च 2023 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में चौथे स्थान पर था। लखनऊ पहले स्थान पर है, गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है और नोएडा (गौतमबुद्धनगर) तीसरे स्थान पर है।

आगरा की वृद्धि दर 62% से अधिक रही, जो कानपुर से अधिक थी। वृद्धि दर के लिहाज से लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा दूसरे स्थान पर हैं। यह वृद्धि दर कानपुर ने छोटी और मध्यम इकाइयों की बदौलत हासिल की है। इस साल होजरी और रेडीमेड की कई दुकानें खुली हैं, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र के आंकड़ों के अनुसार। उन्हें 2116 मिल गए हैं, जबकि 1400 नई कृषि कंपनियों ने जन्म लिया है। शहर की कुल 98138 इकाइयों में 32200 उत्पादन इकाइयां और 66803 सेवा इकाइयां हैं। इस साल उत्पादन की 12645, सेवा क्षेत्र की 11973 और ट्रेडिंग की 16609 इकाइयां पंजीकृत हुई हैं। साथ ही उत्पादन में होजरी की 1197, रेडीमेड की 919, चमड़े की 1400, सैडलरी-हारनेस की 172, सिविल इंजीनियरिंग की 369, खाद्य उत्पादन की 502, बेकरी उत्पादन की 495, 620 फ्लोर मिल, ट्रेडिंग में हार्डवेयर की 403 और कपड़े की 369 इकाइयां हैं। सेवा क्षेत्र में 258 ब्यूटी पार्लर, 70 साइबर कैफे और 260 कैटरिंग इकाइयां पंजीकृत हैं।

शहर में इस तरह बढ़ती गई इकाइयां
एक जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 तक- 10976
एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक -18756
एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक -27180
एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक -41226
कुल: 98138

सबसे छोटी इकाइयां

विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 94251 सूक्ष्म, 3540 लघु और 347 मध्यम इकाइयां पंजीकृत हैं।

इसलिए इकाइयों का विस्तार

मुख्यमंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बीमा योजना प्रदेश सरकार ने शुरू की है। एक जिले की उत्पाद योजना में चमड़ा, होजरी और रेडीमेड क्षेत्र शामिल थे। इसमें उद्योगों को कम ब्याज पर लोन मिल रहा है। PMEGPY मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन और सब्सिडी मिलता है। प्रदेश सरकार ने नई एमएसएमई कानून बनाया है। अब एमएसएमई को भुगतान की नई प्रणाली भी दी गई है।

सर्वाधिक वृद्धि दर वाले टॉप-5 शहर
शहर का नाम     2023-24 में पंजीकरण    वृद्धि दर    कुल पंजीकरण
लखनऊ    51203     60.23     136214
गाजियाबाद    45119     59.59    120831
गौतमबुद्धनगर    38836     56.77    107245
कानपुर    41227    72.56    98138
आगरा     36965    62.48    96124
नोट- प्रदेश में कुल 23 लाख 71 हजार 447 इकाइयां पंजीकृत हैं।

सरकार उद्योग-व्यापार को बढ़ावा देती है

जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र के उपायुक्त उद्योग सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में ट्रेडिंग, सेवा और उत्पादन के तीनों क्षेत्रों में निवेश बढ़ रहा है। सरकार व्यापार और उद्योग को प्रोत्साहित कर रही है। उद्यमी भी बढ़ रहे हैं।

अधिकांश एमएसएमई लोगों को नौकरी मिली

चर्म निर्यात परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जालान ने कहा कि नए कृषि उद्यम आ रहे हैं। जूता और उसके उत्पादों का विकास तेजी से हो रहा है। यहाँ निर्यात की भी बहुत सी संभावनाएं हैं। एमएसएमई शहर से निर्यात का 98 प्रतिशत है। सबसे अधिक लोग एमएसएमई में काम कर रहे हैं।

उद्योगों के लिए इकाइयों का विस्तार अच्छा संकेत है

जेट निटवियर के एमडी बलराम नरूला ने कहा कि शहर में उद्योग-व्यापार जगत के लिए इकाइयों का पंजीकरण बढ़ना अच्छा संकेत है। एक जिले की उत्पाद योजना होजरी, टेक्सटाइल और रेडीमेड को शामिल करती है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक पंजीकरण हुआ है। इस क्षेत्र में सबसे अधिक लोगों को नौकरी भी मिलती है।

शहर के उद्यमी ही उद्योगों का विस्तार कर रहे हैं

फीटा के महासचिव उमंग अग्रवाल ने कहा कि कानपुर छोटे और छोटे उद्यमों का गढ़ है। शहर इसी क्षेत्र से संभाला जाता है। शहर के उद्यमी अपने व्यवसायों को बढ़ा रहे हैं, हालांकि बड़ा निवेश नहीं आ रहा है। नए लोगों ने भी उत्पादन इकाइयां बनाई हैं। एमएसएमई पर भी 15 से 45 दिन के भीतर भुगतान का असर है।