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UP बोर्ड में टॉपर की सफलता की कहानी, पिता पढ़ाते है पान बेचकर

UP High School Topper : यूपी में कानपुर के घाटमपुर में एक हाई स्कूल में पढ़ने वाले राज की कहानी है, उसने हाईस्कूल में 600 में से 584, यानी 97.33 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। वह घाटमपुर के गुरु प्रसाद गया प्रसाद इंटर कॉलेज में पढ़ता है। जिसने राज्य भर में अपना नाम रोशन किया है। साथ ही, वे सभी के लिए प्रेरणा बन गए हैं।
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UP बोर्ड में टॉपर की सफलता की कहानी, पिता पढ़ाते है पान बेचकर

The Chopal, UP News : मेरे पिता एक पान की दुकान चलाते हैं। साथ-साथ कृषि करते हैं। उसकी कमाई से ही घर खर्च चलता है। मां घर की देखभाल करती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता मुझे कुछ तरीके से पढ़ने भेज रहे हैं। मुझे कोचिंग देने के लिए उनके पास पर्याप्त आमदनी नहीं थी। पान बेचने के साथ-साथ बिल भरना भी मुश्किल था। ये यूपी में कानपुर के घाटमपुर में एक हाई स्कूल में पढ़ने वाले राज की कहानी है, जो संघर्ष से उत्कर्ष तक पहुंचती है। जिसने राज्य भर में अपना नाम रोशन किया है। साथ ही, वे सभी के लिए प्रेरणा बन गए हैं।

बधाई देते-देते राज भावुक हो जाता है

भदवारा राज कानपुर के घाटमपुर का गांव है। उसने हाईस्कूल में 600 में से 584, यानी 97.33 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। वह घाटमपुर के गुरु प्रसाद गया प्रसाद इंटर कॉलेज में पढ़ता है। राज खुश है कि वह सफल हो गया है। वह भावुक हो जाता है जब वह सभी को बधाई देता है। राज ने कहा कि मैंने इस दिन बहुत मेहनत की। राज ने अपनी सफलता की कहानी बताई।

मेरे घर में पैसे की कमी थी।

राज ने हमें बताया कि घर में सबका सपोर्ट रहता था, लेकिन पैसे की कमी के कारण पापा हमारे साथ बहुत कुछ नहीं कर पाते थे। ये बात कहने में उनका हमेशा संकोच था। मैं पूरी तरह से समझ गया।

उनसे कभी कुछ नहीं माँगता था। लेकिन मैं पढ़ाई में हमेशा से अधिक रुचि रखता था। मैंने सोचा कि मैं स्कूल की फीस का पूरा भुगतान करूँगा। यहाँ के शिक्षकों से ही हर समस्या का समाधान पूछूंगा।

मैं कभी कोचिंग नहीं लेता था।

राज ने कहा कि मैंने कभी अपनी पढ़ाई पर नियंत्रण नहीं रखा। हमेशा पढ़ाई करते हुए मज़ा लिया। मैंने जो कुछ पढ़ा, उसे दूसरों को पढ़ाया। यह मेरे दिमाग में उन बिंदुओं को बैठा देता था।

मैं हर दिन पढ़ाई के साथ खेलता था। फोन से लगातार दूरी बनाए रखी थी। दिमाग को हल्का करने की कोशिश करता था। पैसों की कमी के कारण कोचिंग कभी नहीं गया। पुस्तकों से नोट्स बनाए और पढ़े।

मैं देश की सेवा करना चाहता हूँ—राज

इन सबके बाद मुझे कभी कोचिंग की जरूरत नहीं लगी। मैं किसी भी विषय पर कभी रट्टा नहीं मारता था। किताब से स्वयं के नोट्स बनाता था। वह सिर्फ तब पढ़ता था जब मन करता था।

यूट्यूब पर हर दिन दो घंटे देता था। यूट्यूब पर विज्ञान और मैथ की क्लासें देता था। मैं आईएएस बनना चाहता हूँ, राज कहते हैं। मैं राष्ट्र की सेवा करना चाहता हूँ। मैं देश को सुधारने का प्रयत्न करूंगा। मैं अपने माता-पिता के सपनों को भी पूरा करना चाहता हूँ।