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Mustard Kheti: किसान इन तरीकों से करे सरसों की बुवाई के लिए खेत को तैयार, मिलेगा ज्यादा उत्पादन

सरसों की खेती के लिए भुरभुरी मिट्टी की जरूरत भी होती है. खरीफ फसलों की कटाई के बाद खेतों में एक गहरी जुताई प्लाऊ भी करनी चाहिए. तीन चार बार देशी हल से अच्छी जुताई करना चाहिए है. इसके अलावा नमी संरक्षण के लिए हमे पाटा भी लगाना चाहिए.
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Mustard Farming Idea

The Chopal, New Delhi

Mustard Farming Idea: देश के कि राज्यों में आगामी कुछ दिनों में रबी फसलों की बुवाई का कार्य शुरू होने वाला है। जैसा कि किसान साथी जानते है सरसों एक महत्वपूर्ण रबी फसल है। राजस्थान,हरियाणाव उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है। सरसों के बीजों में तेल की मात्रा लगभग 30 से 48 % तक पाई जाती है, जिससे इस फसल का महत्व भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है.

सरसों के लिए ठंड का मौसम सबसे ज्यादा उपयुक्त

आमतौर पर ठंड के मौसम में सरसों की खेती करना सबसे ज्यादा उपयुक्त भी माना जाता है. सरसों की खेती के लिए 15 से 25 सेल्सियस तक तापमान की आवश्यकता होती है. और हर तरह की मिट्टी में इसकी खेती भी संभव है. हालांकि, बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वाधिक उपयुक्त भी मानी जाती है.

हर साल सरसों का बीज खरीदना आवश्यक नहीं

वैसे सरसों की खेती के लिए हर साल बीज खरीदने की आवश्यकता भी नहीं है. इसके बीज भी काफी महंगे आते हैं. तो कृषि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपने पिछले साल सरसों की खेती की है तो अपनी उपज से ही बढ़िया दानों को बीज की तरह उपयोग भी कर सकते हैं. 

किसान इस तरह खेत करें तैयार

सरसों की खेती के लिए भुरभुरी मिट्टी की जरूरत भी होती है. खरीफ फसलों की कटाई के बाद खेतों में एक गहरी जुताई प्लाऊ भी करनी चाहिए. तीन चार बार देशी हल से अच्छी जुताई करना चाहिए है. इसके अलावा नमी संरक्षण के लिए हमे पाटा भी लगाना चाहिए.

किसानों को खेत में दीमक, चितकबरा और अन्य कीटो के प्रकोप को नियंत्रण करने के लिए अंतिम जुताई के समय क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टयर की दर से अंतिम जुताई के साथ खेत मे मिलना भी चाहिए. वहीं, फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए 2 से 3 किलोग्राम एजोटोबेक्टर एवं पी.ए.बी कल्चर की 50 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मीकल्चर में मिलाकर अंतिम जुताई से पूर्व अच्छी तरह मिला दें.

ऐसे करें खेत बुवाई

आपको सरसों की बुवाई कतारो में भी करनी चाहिए. सरसों के खेत कतार से कतार की दूरी 45 सें. मी. व पौधों से पौधें की दूरी 20 सें. मी. तक ही रखनी चाहिए. इसके लिए सीड ड्रिल मशीन का उपयोग भी करना चाहिए.

सरसों में खरपतवार नियंत्रण

सरसों के खेत अनेक प्रकार के खरपतवार भी उग आते है, इनके नियंत्रण के लिए निराई गुड़ाई बुवाई के तीसरे सप्ताह के बाद से नियमित अंतराल पर 2 से 3 निराई करनी भी आवश्यक होती है.

इतनी होगी एकड़ उपज

अगर आप भी सरसों की खेती कर रहे हैं. इस दौरान जलवायु भी ठीक-ठाक रहती . किसी तरह की प्राकृतिक आपदा का संकट भी नहीं आता है. अगर सरसों की फसल रोग और खरपतवार मुक्त भी रहती है तो इससे 25-30 क्विंटल प्रति हैक्टर तक उत्पादन भी लिया जा सकता हैं.

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