UP News : 14 साल से लापता बेटा घर लौटा, लग्जरी कारों और ट्रकों का बन चूका मालिक, जानिए पूरी कहानी,
The Chopal , Uttar Pradesh
UP News : उत्तर प्रदेश के हरदोई के सांडी विकास खंड के ग्राम फिरोजापुर के एक परिवार में अचानक से खुशियों की बाहर आ गई. यह मामला वास्तव अचंभित कर देने वाला है. एक गरीब घर से तालुक रखने वाला लापता लड़का 14 वर्ष बाद जब अपने घर लौटा तो वह कई ट्रकों और लग्जरी गाड़ियों का मालिक बन चूका है.
जानकारी बता दें कि युवक रिंकु लगभग 14 वर्ष पहले अपने घर से लापता हो गया था. रिंकु के पिता सरजू खेती करते हैं और उसकी माता एक घरेलू महिला है. लापता रिंकू की तलाश भी उसके माता-पिता ने बहुत की, परंतु आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण थक हार कर बैठ गए. पिता सरजू कहते हैं कि उन्होंने रिंकू के न मिलने पर कुछ अनहोनी होने को नियति मानकर शांत बैठ गए. UP News
आज के समय उसके पास कई ट्रक और लग्जरी गाड़ियां हैं
वहीं शनिवार रात को एकदम से एक युवक गांव में अपने दोस्त के पास पहुंचा और वह उसे लेकर उसके घर गया. जहां देखते ही उसकी मां ने उसे पहचान लिया और गले से लगाकर रोने लगी. जब परिवार के लोगों ने रिंकू से पूछा कि वह कहां था. जिस पर रिंकू ने बताया कि अब वह गुरप्रीत बन गया है. आज के समय उसके पास कई ट्रक और लग्जरी गाड़ियां हैं. रिंकू ने बताया कि वह पिछले 14 वर्ष से पंजाब में था और उसने कुछ ट्रक भी खरीद लिए,
वहीं उसने बताया की उसका एक ट्रक धनबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. वह अपनी लग्जरी कार से धनबाद जा रहा था और रास्ते में हरदोई पडने पर उसे सब कुछ एकदम से याद आ गया. लेकिन वह अपने पिता का नाम याद नहीं कर पा रहा था, वहीं गांव निवासी सूरत यादव का नाम उसे याद था. गांव पहुंचकर सूरत के पास गया, तो सूरत ने उसे फौरन ही पहचान लिया और फिर उसके घर पर मां बाप से मिलवाने ले गया.
गुरुप्रीत का रहना खाना भी पंजाब और सरदारों की तरह है
बता दें की अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले रिंकू का नाम अब गुरुप्रीत सिंह हो चुका है. उसका रहना खाना भी पंजाब और सरदारों की तरह है. सिर में पगड़ी भी बांधता है. गोरखपुर का रहने वाला एक परिवार लुधियाना में ही रहता था, उस परिवार की बेटी से रिंकू उर्फ गुरुप्रीत का विवाह भी हो चुका है. उसके माता पिता सरजू और सीता को विवाह की बात बताई तो वह भी खुश नजर आए.
रिंकू उर्फ गुरुप्रीत की कहानी बेहद फिल्मी स्टाइल की है. रिंकू बताता है कि पढ़ाई के चलते डांट पडने पर वह नए कपड़ों के ऊपर पुराने कपड़े पहनकर घर से निकला था. किसी ट्रेन में बैठकर लुधियाना पहुंच गया. यहां उसे एक सरदार मिले. सरदार ने उसे अपनी ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी पर रख लिया. यहां काम करते करते रिंकू ने ट्रक चलाना सीखा और फिर धीरे-धीरे वह खुद ट्रकों का मालिक बन गया, UP News
अपने घर पहुंचा, तो काम धंधा भूल सा बैठा गुरुप्रीत
26 वर्ष के रिंकू उर्फ गुरुप्रीत को उसकी मां सीता गले से लगाए रहती है. सीता ने गुरुप्रीत से कहा कि चाहे जो काम करो, परंतु जैसे पहले गए वैसे मत जाना. गुरुप्रीत भी इतने वर्ष बाद अपने घर पहुंचा, तो काम धंधा भूल सा बैठा और यहीं रुक गया. लेकिन कारोबारी युवक को मजबूरी में उसे देर रात निकलना पड़ा. गुरुप्रीत भी खासा खुश है अपने माता पिता से मिलकर. वह अपने माता पिता के साथ ही रहने की उम्मीद भी संजोए है.