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किसानों की फसल को बीमारियों से बचाने में बहुत मदद कर रहा है स्टिकी ट्रैप, जानें इसके फायदे

The Chopal , New Delhi Sticky Trap Help Farmers : किसानों की फसलों में किट लगना एक बहुत बड़ी समस्या है. फसल को कीट से बचाने के लिए किसान रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं. भारत में जिस तरह से धुआंधार कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है उसके कई बड़े स्तर के नुकसान सामने आ
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किसानों की फसल को बीमारियों से बचाने में बहुत मदद कर रहा है स्टिकी ट्रैप, जानें इसके फायदे

The Chopal , New Delhi

Sticky Trap Help Farmers : किसानों की फसलों में किट लगना एक बहुत बड़ी समस्या है. फसल को कीट से बचाने के लिए किसान रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं. भारत में जिस तरह से धुआंधार कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है उसके कई बड़े स्तर के नुकसान सामने आ रहे हैं. इसके कारण बीमारियां हो रही है. उपजाऊ जमीन को नुकसान पहुंच रहा है.

किसानों की फसल को बीमारियों से बचाने में बहुत मदद कर रहा है स्टिकी ट्रैप, जानें इसके फायदे
सांकेतिक तस्वीर

एक जानकारी के लिए बता दें केयर रेटिंग के मुताबिक 1950 में जहां देश में 2 हजार टन कीटनाशक का इस्तेमाल होता था वहीं अब यह बढ़कर 90 हजार टन पर पहुंच गया है. छठे दशक में देश में जहां 6 लाख 40 हजार हेक्टेयर एरिया में कीटनाशकों का छिड़काव होता है. आज के समय में देश में डेढ़ करोड़ हैक्टेयर में फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव होता है. इसके कारण भारत में खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों का अवशेष 20 प्रतिशत तक रह जाता है. जबकि वैश्विक स्तर पर खाद्य पदार्थों में यह मात्र 2 प्रतिशत तक ही रहता है. देश में 51 प्रतिशत ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें कीटनाशक की मात्रा मिलती है. जबकि वैश्विक स्तर पर केवल 20 प्रतिशत खाद्य पदार्थों में ही कीटनाशक की मात्रा मिलती है.

वहीं रूरल वॉयस के मुताबिक किटनाशकों के प्रयोग से इंसान में बीमारियां बढ़ रही है. उसके बाद कीटनाशकों के ज्यादा प्रयोग को कम करने की कोशिशें तेज हुई हैं. फसलों को हानिकारक कीटों से बचाने के लिए बिना केमिकल कीटनाशक का छिड़काव किए ही स्टिकी ट्रेप से फसलों को कीटों से बचाया जा सकता है.

जानिए स्टिकी ट्रेप कैसे करता है काम,

फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खत्म करने के लिए केमिकल युक्त पेस्टीसाइड्स (स्प्रे) का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसमें एक नुकसान भी है क्योंकि फसलों के इससे मित्र एवं शत्रु दोनों ही मर जाते हैं. इस परेशानी को कम करने के लिए स्टिकी ट्रैप विकसित किया गया है जिसका इस्तेमाल करके इन सभी दिक्कतों से बचा जा सकता है.

बताया जाता है कि फसल को नुकसान पहुचाने वाले उड़ने वाले हानिकारक कीट किसी न किसी विशेष रंग की ओर आकर्षित होते हैं. अगर उसी रंग की शीट पर कोई चिपचिपा पदार्थ लगाकर फसल की ऊंचाई से करीब एक फीट ऊपर टांग दिया जाए तो कीट रंग से आकर्षित होकर इस शीट पर चिपककर मर जाते हैं. एक एकड़ क्षेत्र में 4 से 6 स्टिकी ट्रैप लगाए जाते हैं. स्टिकी ट्रैप के इस्तेमाल से 65 से रासायनिक कीटनाशकों पर होने वाले खर्च में 70 फीसदी तक की बचत भी होगी.

किसान घर पर ही बना सकता है स्टिकी ट्रैप

जानकारी के लिए बता दें की घर पर स्ट्रिकी ट्रैप बनाने के लिए रंगीन पॉलीथीन शीट पर रेड़ी का तेल या फिर मोबिल ऑयल लगाकर ट्रैप को तैयार कर सकते हैं. इस तरह एक स्टिकी ट्रैप बनाने में 15 से 20 रुपये का खर्च आता है. पीले रंग का स्टिकी ट्रैप सफेद मक्खी, एफिड और लीफ माइनर जैसे कीटों से सुऱक्षा के लिए बनाया जाता है. यह ज़्यादातर सब्जियों की फसल में लगाया जाता है. वहीं नीले रंग का स्टिकी ट्रैप थ्रिप्स कीट से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है. Sticky Trap Help Farmers

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