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धान के किसानों को नहीं आएगी यूरिया की कमी, इस राज्य सरकार ने तैयार किया यह शानदार मास्टर प्लान

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The Chopal, नई दिल्ली: अब उत्तर प्रदेश राज्य के किसानों को खरीफ सीजन के दौरान खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. वे धान के खेत में समय पर पूरी खाद डाल पाएंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूरी तैयारी कर भी ली है. और खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई भी करेगा. साथ ही जो दुकानदार तय कीमत से अधिक रेट पर खाद बेचते हुए पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी. और खाद दुकानदारों का लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुरादाबाद जिले में कृषि विभाग खाद की किल्लत को दूर करने के लिए अभी से व्यापारियों और दुकानदारों के साथ बैठकें भी शुरू कर दी हैं. इस दौरान खाद विक्रेताओं को खाद की कालाबाजारी नहीं करने की हिदायत भी दी जा रही है. कृषि जिलाधिकारी ऋतुजा तिवारी का कहना है कि यदि कोई दुकानदार तय कीमत से अधिक रेट पर खाद बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया जाएगा.

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प्रशासन खाद की किल्लत को रोकने के लिए पूरी तैयारी में 

रबी सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में किसानों को खाद के लिए दर- दर की ठोकरें भी खानी पड़ी थी. कई किसानों ने ब्लैक में खाद की खरीदारी भी की थी, जिससे फसल की लागत भी बढ़ गई. कई ऐसे भी किसान भी हैं, जिन्हें समय पर खाद भी नहीं मिल पाई थी, जिससे उनकी फसल की पैदावार भी प्रभावित हुई. यही वजह है कि जिला प्रशासन मानसून आने से पहले इस बार सतर्क भी हो गया है और खाद की किल्लत को रोकने के लिए तैयारी में भी लग गया है.

यूपी में किसान 5.9 लाख हेक्टेयर में धान की फार्मिंग

बता दें कि यूपी में किसान 5.9 लाख हेक्टेयर में धान की फार्मिंग भी करते हैं. इसके अलावा किसान गेहूं, आलू, हरी सब्जी और गन्ने की खेती बड़े स्तर पर करते हैं. इन सभी फसलों में खाद का उपयोग भी बहुत होता है. देश में सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन उत्तर प्रदेश में ही होता है. इसके अलावा गेहूं उगाने में भी उत्तर प्रदेश नंबर वन राज्य भी है. अगर प्रदेश के किसानों को समय पर खाद की आपूर्ति होती रही, तो बंपर पैदावर मिलेगी.

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अभी यूपी में 3.28 लाख DAP का स्टॉक

पिछले साल खरीफ मौसम के दौरान यूपी में कुल 37 लाख टन यूरिया फर्टिलाइजर की खपत हुई थी. वहीं, 8.5 लाख टन DAP भी किसानों ने उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया था. अभी यूपी में 3.28 लाख DAP का स्टॉक भी है, जबिक 13.24 लाख टन तक यूरिया बचा हुआ है.

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